उत्तर प्रदेश की प्रयागराज पुलिस ने समाजवादी पार्टी के नेता एवं ब्लॉक प्रमुख मोहम्मद मुज़फ्फर को गिरफ्तार कर लिया है। मोहम्मद मुज़फ्फर पर अलग-अलग जिलों में गोहत्या सहित 34 आपराधिक केस दर्ज हैं। शनिवार (14 अक्टूबर 2023) को गिरफ्तारी से बचने के लिए सपा नेता बुर्का पहनकर भाग रहा था। हालाँकि, पुलिस ने उसे दबोच लिया। मुजफ्फर पूरामुफ्ती थाने का हिस्ट्रीशीटर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को पुलिस को सूचना मिली कि मोहम्मद मुज़फ्फर एक निकाह में शामिल होने जा रहा है। यह निकाह डॉक्टर शफकत की बेटी का था, जो कि प्रयागराज के बमरौली मोड़ के पास प्रयाग गार्डेन में हो रहा था। डॉक्टर शफकत आरोपित मोहम्मद मुज़फ्फर के दोस्त बताए जा रहे हैं। मुज़फ्फर को पुलिस के आने की पहले से ही भनक लग चुकी थी। उसने मौके से फरार होने के लिए बुर्का पहन लिया और भागने की फ़िराक में था। हालाँकि, पुलिस टीम ने मुज़फ्फर को पहचान लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया।
मोहम्मद मुज़फ्फर को पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने की खबर सुनकर उसके समर्थक बमरौली पुलिस चौकी पर जमा होने लगे। उन्होंने वहाँ हंगामा भी किया। मुज़फ्फर की बीवी ने भी हाईकोर्ट में अपने पति की गिरफ्तारी के बाद किसी अनहोनी की आशंका का प्रार्थना पत्र दे दिया। आख़िरकार रविवार (15 अक्टूबर 2023) को पुलिस ने मोहम्मद मुज़फ्फर को कोर्ट में पेश किया। यहाँ से उसे जेल भेज दिया गया है। मोहम्मद मुज़फ्फर फिलहाल प्रयागराज के ही कौड़िहार ब्लॉक का ब्लॉक प्रमुख है।
जिस केस में मोहम्मद मुज़फ्फर की गिरफ्तारी हुई है, वो 11 मई 2023 को प्रयागराज के ही थाना सोरांव में दर्ज हुआ था। यह केस खुद पुलिस द्वारा दर्ज करवाया गया था जिसमें पुलिस ने 16 गोवंश से लदी एक ट्रक सड़क के किनारे खराब हालत में बरामद की थी। इसमें से 8 गोवंश जीवित थे जबकि 8 की मौत हो गई थी। मृत गोवंश के शरीर पर खरोंच के निशान थे। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात ट्रक मालिक के साथ 2 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली थी। यह FIR IPC 429 के साथ गोहत्या निवारण अधिनियम और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत दर्ज हुई थी।
बताया जा रहा है कि जाँच के दौरान पुलिस को इस मामले में मोहम्मद मुज़फ्फर की संलिप्तता मिली। तब से मुज़फ्फर फरार चल रहा था। आखिरकार रविवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। मुज़फ्फर पर प्रयागराज, चंदौली, वाराणसी, भदोही और कौशाम्बी आदि जिले मिला कर लगभग 34 केस दर्ज हैं। प्रशासन ने मुज़फ्फर की कई बेनामी सम्पत्तियों का भी पता लगाया है। नवम्बर 2022 में मोहम्मद मुज़फ्फर की 10 करोड़ की सम्पत्ति भी कुर्क की गई थी।