क्रिकेट जगत को हिलाकर रख देने वाले साल 2000 के चर्चित मैच फिक्सिंग मामले के प्रमुख आरोपी संजीव चावला गुरुवार को भारत लाया गया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम उसे लंदन से लेकर आई है। 50 वर्षीय चावला को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित कर लाया गया है।
ब्रिटेन की एक अदालत ने पिछले महीने चावला की याचिका को खारिज करते हुए उसके प्रत्यपर्ण का आदेश दिया था। मैच फिक्सिंग के इस मामले में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोनिए का नाम भी सामने आया था। उनकी बाद में एक विमान हादसे में मौत हो गई थी। चावला और क्रोनिए के बीच बातचीत को इंटरसेप्ट करने के बाद दिल्ली पुलिस ने मार्च 2000 में प्राथमिकी दर्ज की थी। बातचीत के दौरान चावला ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान और कॉन्ग्रेस के सांसद रहे मोहम्मद अजहरुद्दीन का नाम भी लिया था।
चावला 1996 में बिजनेस वीजा पर ब्रिटेन चला गया था। 2000 में उसका भारतीय पासपोर्ट रद्द कर दिया गया।2005 में उसे ब्रिटेन की नागरिकता मिल गई। पिछले साल मार्च में ब्रिटेन के गृह मंत्री ने उसके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। इसके खिलाफ वह कोर्ट चला गया था। लेकिन 16 जनवरी को लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी।
The Hansie Cronje – Sanjeev Chawla call where Mohammad Azharuddin was mentioned – read excerpts from transcripthttps://t.co/n0W929Mcqr
— Times Now Sports (@timesnowsports) February 13, 2020
1992 की भारत-ब्रिटेन के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के तहत चावला का प्रत्यर्पण हुआ है। यह इस संधि के तहत पहला हाई प्रोफाइल प्रत्यर्पण है। वर्ष 2000 में 16 फरवरी और 20 मार्च को खेले गए भारत-दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट मैच फिक्स करने के लिए दिल्ली पुलिस ने साउथ अफ्रीका टीम के कैप्टन रह चुके दिवंगत हैंसी क्रोनिए और पांच अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। साउथ अफ्रीका के हर्शल गिब्स और निकी बोए के खिलाफ फिक्सिंग से जुड़े होने के पर्याप्त साक्ष्य न मिलने पर उनका नाम चार्जशीट से हटा दिया गया था। इस संबंध में पुलिस ने 2013 में चार्जशीट दाखिल की थी।
20 साल बाद संजीव चावला के प्रत्यर्पण से अन्य वांछितों को भारत लाने की उम्मीदें बढ़ी है। खासकर, भगोड़े विजय माल्या को देश लाने के मामले में कामयाबी की उम्मीद जताई जा रही है। उसके मामले में फिलहाल लंदन के कोर्ट में सुनवाई जारी है।