जेल में बंद ‘Broadcast Audience Research Council (BARC India)’ के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता की बेटी प्रत्यूषा ने एक पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है। उन्होंने इस पत्र में अपने पिता की ज़िंदगी बचाने की अपील की है। प्रत्यूषा का कहना है कि उनके पिता शुक्रवार (जनवरी 15, 2021) से ही बेहोशी की अवस्था में एक अस्पताल में भर्ती हैं। वो फ़िलहाल TRP स्कैम में दिसंबर 24, 2020 से जुडिशल कस्टडी में हैं।
प्रत्यूषा ने लिखा कि उनकी माँ को अचानक से एक फोन कॉल कर के बताया गया कि पार्थो दासगुप्ता को जेजे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है और वो जल्दी से वहाँ पहुँचें। उन्होंने बताया कि परिजनों के वहाँ पहुँचने पर डॉक्टर पूछने लगे कि पिछले 12 घंटों से पार्थो के अस्पताल में होने के बावजूद आखिर उनके परिवार का कोई व्यक्ति उनकी सुध लेने क्यों नहीं आया? उन्हें तलोजा जेल से अस्पताल में ले जाया गया था।
प्रत्यूषा का कहना है कि जनवरी 15, 2021 को दोपहर 1 बजे उन्हें अस्पताल लेकर जाया गया और अगले दिन 3 बजे दोपहर को परिजनों को इसकी सूचना दी गई, अर्थात 14 घंटे तक इस बात को छिपा कर रखा गया। प्रत्यूषा के अनुसार, उन्हें पुलिसवालों ने बताया कि वो परिजनों को सूचना इसीलिए नहीं दे पाए क्योंकि उनके पास किसी का फोन नंबर नहीं था। पुलिसकर्मियों ने बताया कि पार्थो दासगुप्ता ने होश में आकर नंबर दिया, तब परिजनों को सूचित किया गया।
प्रत्यूषा दासगुप्ता ने बताया कि उन्होंने और उनके परिवार ने अपने पिता से बात करने के लिए तलोजा जेल को कई ईमेल लिखे हैं और उन सबमें उनका फोन नंबर भी दिया हुआ है, इन सबके बावजूद पुलिसकर्मियों ने ये बहाना बनाया। उन्होंने बताया कि जब वो अस्पताल पहुँचीं तो उनके पिता इमरजेंसी रूम में पड़े हुए थे और उन्हें ओढ़ाने के लिए एक बेडसीट तक नहीं था। अस्पताल लाए जाने के 16 घंटे बाद शाम के 5 बजे उन्हें ICU में भर्ती कराया गया।
‘BARC India’ के पूर्व सीईओ की बेटी ने कहा कि उनके पिता अब भी ICU में हैं और परिजनों का उनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। जब परिजन अस्पताल पहुँचे तो वो आधी बेहोशी की ही अवस्था में थे। प्रत्यूषा ने सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर किए गए पत्र में लिखा है कि उनके पिता कुछ कहना चाहते थे और बातें करना चाहते थे, लेकिन वो कुछ बोल नहीं पा रहे थे। पत्र में प्रत्यूषा ने आगे लिखा है:
“उनका शुगर लेवल भी काफी उच्च स्तर (516) पर पहुँच गया था। डायबिटीज, हाइपरटेंशन और एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस नामक एक ऑटो इम्यून डिसऑर्डर जैसी बीमारियों से वो कई सालों से पीड़ित हैं। उनके स्वास्थ्य को लेकर हम पहले से चिंतित थे और इसीलिए पिछले 2 सप्ताह से जेल प्रशासन के माध्यम से उनसे संपर्क करने के प्रयास में लगे हुए थे। उनकी स्थिति देख कर लगता है कि उनके साथ ठीक व्यवहार नहीं किया गया। उन्हें जेल में शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना दी गई है। वो काफी डरे हुए थे।”
A helpless daughter’s anguished appeal@CMOMaharashtra@OfficeofUT@AmitShah@PMOIndia@narendramodi@parthodasgupta #ParthoDasgupta pic.twitter.com/amrq7rtzlx
— pratyushadasgupta (@pratyushad22) January 16, 2021
प्रत्यूषा दासगुप्ता ने लिखा है कि वो अपने पिता के जीवन को लेकर खासी चिंतित हैं। उन्होंने लिखा कि उनका परिवार कानून का पालन करने वाले नागरिकों का है और कानूनसम्मत कार्यवाही के पक्ष में है, लेकिन जो हो रहा है वो चिंताजनक है। अपने पिता के लिए उचित इलाज की माँग करते हुए प्रत्यूषा ने कहा कि अदालती प्रक्रिया के तहत फैसला होना चाहिए। उन्होंने आशंका जताई कि बिना उच्च-स्तरीय हस्तक्षेप के ये चिंता और डर बना रहेगा।
याद हो कि मुंबई पुलिस ने आरोप लगाया था कि BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के कार्यकाल के दौरान TRP का फर्जीवाड़ा किया गया और अन्य इंग्लिश टीवी समाचार चैनलों की रेटिंग जानबूझकर नीचे गिरा कर रिपब्लिक टीवी को नंबर 1 बनाया गया। पुलिस का कहना है कि BARC ने टाइम्स नाउ की रेटिंग को नीचे लाने के लिए व्यूअरशिप और टीआरपी डेटा में हेरफेर किया, जो कि पहले एक नंबर वन अंग्रेजी न्यूज चैनल था, जब अर्णब गोस्वामी इसे हेड कर रहे थे।