कबीर दास का एक दोहा है – ‘परमारथ के कारने, साधुन धरा शरीर”। इसका अर्थ है, ‘सज्जन व्यक्तियों का जन्म दूसरों की सेवा के लिए ही होता है’। बहुत कम लोग अपने जीवन में इस सिद्धांत पर चल पाते हैं। उन्हीं लोगों में से एक अरुण तिवारी भी थे, जिन्होंने दूसरे का जीवन बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। दरअसल, अरुण तिवारी मुंबई की एक बिल्डिंग में लगी आग में दूसरों को बचाने के लिए घुस गए थे। उन्होंने 2 बच्चों के प्राण भी बचाए, लेकिन इस प्रयास में वह स्वयं दुनिया से विदा हो गए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 22 अक्टूबर 2021 (शुक्रवार) की है। मुंबई के लोवर परेल स्थित आवासीय अपार्टमेंट वन अविघ्ना पार्क में अचानक आग लग गई। यह आग बिल्डिंग की 19वीं मंजिल पर लगी थी। घटना के समय कई लोग उस इमारत में मौजूद थे। इन लोगों में कई महिलाएँ और बच्चे भी शामिल थे।
अपार्टमेंट में आग 12 बजे के आसपास शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी। आनन-फानन में पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी गई, लेकिन उससे पहले ही बिल्डिंग के सिक्योरिटी गार्ड अरुण तिवारी 19वीं मंजिल पर पहुँच गए। उन्होंने जलते फ्लैट से 1 महिला और 2 बच्चों को बाहर निकाला। इसके बाद वो उस फ्लैट में किसी अन्य व्यक्ति की फँसे होने की आशंका के कारण अंदर चले गए। तब तक आग पूरे फ़्लैट में फ़ैल चुकी थी।
फ्लैट में हर तरफ आग और धुआँ भर जाने के कारण गार्ड अरुण तिवारी बालकनी में आ गए। जब आग बालकनी की तरफ भी फैलने लगी, तब मजबूरन अरुण तिवारी 19वीं मंजिल की रेलिंग पकड़ कर नीचे लटक गए।
अरुण तिवारी अरुण तिवारी बहुत देर तक खुद को उस हालत में नहीं रोक पाए। कुछ देर बाद उनका हाथ छूट गया और वो 19वीं मंजिल से नीचे गिर गए। मौके पर मौजूद पुलिस बल ने उनको स्थानीय केईएम अस्पताल में भर्ती करवाया। लेकिन वहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हालाँकि, तब तक दमकल की भी गाड़ियाँ घटनास्थल पर पहुँच चुकी थीं, फिर भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।
#Mumbai: A 30-year old panicked man Arun Tiwari, who tried to save himself from the fire on the 19th floor of the 61-storeyed Avigna Park, fell to his death, #BMC Disaster Control said. pic.twitter.com/E4rPQszcvq
— Mohan Raut (@tweet_mohn) October 22, 2021
अरुण तिवारी के साथी गार्डों ने बताया कि अरुण तिवारी लगभग 8 वर्ष से बिल्डिंग में सुरक्षा गार्ड थे। घटना वाले दिन वो नियमित चक्कर लगा रहे थे। अचानक ही बिल्डिंग का अलार्म बज गया। इसी के बाद 19 वीं मंजिल स्थित फ़्लैट में आग लगने का पता चला। फ़्लैट के मालिक ने पूरी घटना की जानकारी दी। अरुण तिवारी का 19वीं मंजिल से लटकते हुए वीडियो भी वायरल हो गया है।
Listen to the absolute horror that Mr. Rathod (Owner of flat that caught fire at Avighna Park yesterday) and his family went thru.
— Juzer Madarwala (@juzerm) October 23, 2021
Please stay safe. Keep your fire systems working🙏#FireSafety #MumbaiFire #AvighnaPark pic.twitter.com/YBiQwQllr4
अरुण तिवारी बिना पुलिस या फायर ब्रिगेड की प्रतीक्षा किए घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े थे। वो 1 महिला और 2 बच्चों को बचाने में सफल रहे पर खुद को नहीं बचा पाए। अरुण तिवारी के एक साथी गार्ड के अनुसार, उन्होंने आग से घिरे होने के दौरान उन्हें फोन भी किया था। साथी गार्ड के अनुसार, मुख्य दरवाजे से निकलना नामुमकिन था। उन्होंने फ़्लैट में मौजूद आग बुझाने वाले उपकरण का भी इस्तेमाल किया, लेकिन धुआँ अधिक होने के चलते उनका दम घुटने लगा। धुएँ के चलते ही उनको निकलने का रास्ता भी ठीक से नहीं दिखाई दिया था।
माना जा रहा है कि अरुण ने नीचे की मंज़िल पर स्थित बालकनी पर उतरने की कोशिश की, लेकिन वो सफल नहीं हो पाए और 19वीं मंज़िल से जमीन में गिर गए। इमारत में अधिकतर फ़्लैट 3 से लेकर 5 BHK तक हैं। यहाँ कई व्यापारी और सरकारी व प्राइवेट सेक्टर के अधिकारी रहते हैं। बाद में आदित्य ठाकरे ने भी घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति की जानकारी ली थी।
Visited the spot of the unfortunate fire incident at One Avighna Park and met with the rescued residents of the building. Fire has been doused and cooling ops are underway.
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) October 22, 2021
I met and thanked the brave jawans of the Mumbai Fire Brigade for their swift response. (1/2) pic.twitter.com/Eprx3P4ymX
अविघ्ना अपार्टमेंट में हर कोई उन्हें एक नेक और अच्छे इंसान के रूप में जानता था। मृत अरुण तिवारी की उम्र लगभग 30 वर्ष थी और वो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के निवासी थे। उनका गाँव हथिगनी, प्रयागराज शहर से थोड़ी दूरी पर स्थित है। अरुण तिवारी के 40 वर्षीय भाई विनय तिवारी ने बताया कि उनके भाई की बिल्डिंग से लटकी वीडियो उन्हें भी मोबाईल पर मिली। दुखी भाई ने बताया कि वो उस वीडियो को देखने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। अरुण की शादी अभी नहीं हुई थी और वह मुंबई के माटुंगा में रहते थे। उनका परिवार उनकी कमाई पर आश्रित था।
अरुण के भाई विनय ने बताया कि कुछ समय पहले ही भाई से फोन पर अंतिम बातचीत हुई थी। उन्होंने घर के खर्च के लिए 2,000 रुपये भी भेजे थे। इसमें से उन्होंने आधा माँ के इलाज पर खर्च करने को कहा था। अरुण की 51 वर्षीया माँ कमला देवी अस्थमा की मरीज हैं। अरुण अंतिम बार अपने घर लगभग एक वर्ष पूर्व अपनी बहन शिल्पा की शादी में गए थे। परिवार वालों के अनुसार उन्होंने इस शादी में अपनी तरफ से बहुत सहयोग किया था।
अरुण के पिता ललिता प्रसाद की 10 वर्ष पहले ही मृत्यु हो चुकी है। अरुण के चाचा मुकेश घटना की सूचना पाते ही केईएम अस्पताल की तरफ निकल चुके हैं। उनका कहना है कि सिक्योरिटी कम्पनी को अरुण के परिवार वालों को मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सुरक्षा गार्डों को कम्पनी ने सुरक्षा संबंधी उचित संसाधन नहीं दिए हैं। वहीं, मुंबई पुलिस ने इस घटना की FIR कालाचौकी पुलिस स्टेशन में दुर्घटना के रूप में दर्ज की है।