Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाज'घर में बनता था गोमांस, इस्लाम में महिलाओं का सम्मान नहीं': शमा परवीन ने...

‘घर में बनता था गोमांस, इस्लाम में महिलाओं का सम्मान नहीं’: शमा परवीन ने घर-वापसी कर शिवम वर्मा को चुना जीवनसाथी, भाई से निकाह के डर से लिया फैसला

शमा परवीन गाय में भी श्रद्धा रखती हैं। जबकि उनके घर में खाने में गाय के मांस का इस्तेमाल किया जाता था। बोलीं - हिन्दू धर्म में होता है महिलाओं का समान।

बिहार के औरंगाबाद की शमा परवीन नामक मुस्लिम महिला ने हिन्दू धर्म में घर-वापसी करते हुए शिवम वर्मा को अपना जीवनसाथी चुना है। शिवम वर्मा उत्तर प्रदेश के बलिया के रहने वाले हैं। शमा परवीन अब ‘पूनम’ नाम से जानी जाएँगी। शमा परवीन बिहार के औरंगाबाद के जगदीशपुर स्थित काजीचक गाँव की निवासी हैं। वो हाईस्कूल तक पढ़ी हैं। वहीं शिवम वर्मा 8वीं पास हैं और बलिया के राजेंद्रनगर के रहने वाले हैं। वो एक सर्राफा दुकान में कारीगरी का काम करते हैं।

असल में शिवम वर्मा लगभग 1 वर्ष पूर्व बिहार के बक्सर में अपनी दोस्त की शादी में पहुँचे थे। उसी शादी समारोह में उनकी मुलाकात शमा परवीन से हुई। दोनों में फिर बातचीत शुरू होगी और उसके बाद उनमें प्यार पनपने लगा। अंततः दोनों ने शादी करने का फैसला ले लिया। हालाँकि, शमा परवीन के परिजन इस रिश्ते से नाराज़ हैं और उन्होंने इसका विरोध भी किया था। यही कारण है कि लड़की को अपना घर छोड़ना पड़ा था। दोनों कई दिनों तक इधर-उधर भटकते रहे।

इसी बीच बरेली के मढ़ीनाथ स्थित अगस्त्य मुनि आश्रम के पंडित KK शंखधार के बारे में किसी ने उन्हें बताया। उन्हें बताया गया कि वो इन दोनों की शादी करा सकते हैं, जिसके बाद वो आश्रम पहुँचे। पंडित KK शंखधार ने एक अधिवक्ता के जरिए दोनों के दस्तावेजों की जाँच करवाई। इसके बाद गंगाजल से शमा परवीन का शुद्धिकरण करवाया गया और फिर हिन्दू रीति-रिवाज से विवाह की रस्म पूरी कराई गई। विवाह के बाद शमा परवीन अब ‘पूनम देवी’ नाम से जानी जाएँगी।

ये नाम शमा परवीन ने ही अपने लिए पसंद किया है। उन्होंने बताया कि मुग़ल आक्रांताओं के कारण उनके पूर्वजों ने इस्लामी धर्मांतरण कर लिया था। उन्होंने बताया कि उनका विश्वास और आस्था सनातन धर्म में है, वो हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करती हैं। उन्होंने ‘तीन तलाक’ और हलाला जैसी कुप्रथाओं की बात करते हुए कहा कि इस्लाम में महिलाओं का कोई सम्मान नहीं है। बकौल शमा परवीन, उन्होंने स्वेच्छा से सनातन धर्म को अंगीकार करने का निर्णय लिया है।

शमा परवीन गाय में भी श्रद्धा रखती हैं। जबकि उनके घर में खाने में गाय के मांस का इस्तेमाल किया जाता था। उन्होंने कहा कि इन सबके उलट हिन्दू धर्म में महिलाओं का सम्मान किया जाता है। शमा परवीन (अब पूनम देवी) को डर था कि उनके ही कजन भाई के साथ उनका निकाह कराया जा सकता है, इसीलिए उन्होंने जल्द से जल्द अपने प्रेमी शिवम वर्मा से हिन्दू रीति-रिवाज से शादी करने की ठानी। पंडित केके शंखधार ऐसी कई जोड़ियों की मदद कर चुके हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -