मौलवी शमसुद्दीन बरभुइयाँ को असम की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह मौलवी 6 दिसंबर 2020 से ही फरार था। मौलवी शमसुद्दीन पर 6 साल की बच्ची का यौन शोषण का आरोप है।
असम के सिलचर सदर थाने की पुलिस ने मौलवी शमसुद्दीन बरभुइयाँ को मेहरपुर के पंचगोरी लेन स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया। मौलवी पिछले 2 महीने से भागा हुआ था। लेकिन असम पुलिस ने उस पर नजर बनाए रखी थी और जैसे ही वो अपने घर के पास दिखा, उसे दबोच लिया गया।
इस्लामी शिक्षा के लिए पीड़ित बच्ची की माँ ने ही मौलवी शमसुद्दीन को चुना था। यह मौलवी पीड़ित माँ के भाई के घर उनके बच्चों को पढ़ाने आता था। उसी से अपनी 6 साल की बेटी को भी इस्लाम की शिक्षा के लिए इन्होंने बात की थी।
मौलवी शमसुद्दीन बरभुइयाँ घटना वाले दिन आम दिनों की तरह ही बच्चों को पढ़ाने आया था। लेकिन उस दिन पीड़ित बच्ची भी पढ़ने आई थी। जब परिवार के बड़े लोग बच्चों को मौलवी के पास पढ़ता छोड़ चाय बनाने चले गए तब यौन शोषण को अंजाम दिया गया।
6 दिसंबर को असम के सिलचर सदर थाने में शिकायत दर्ज कराने आई पीड़ित बच्ची की माँ ने बताया कि पढ़ाई वाले कमरे से अचानक बच्ची रोते हुए निकली थी। बाहर आकर भी वो रो ही रही थी, डरी हुई थी। बहुत पूछने पर उसने बताया कि मौलवी उसके गुप्तांगों को छूना चाह रहा था। बच्ची के मना करने पर मौलवी ने जबरदस्ती किया।
पूरा वाकया सुनने के बाद परिवार के लोग जब मौलवी के पढ़ाने वाले कमरे में गए तो वहाँ अन्य बच्चों के अलावा कोई नहीं था। मौलवी शमसुद्दीन बरभुइयाँ वहाँ से भाग चुका था। परिवार वालों ने पहले लोक-लाज के डर से पुलिस के पास जाने से मना किया था। लेकिन कई अन्य बच्चियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए पीड़िता की माँ ने FIR दर्ज कराई।