इस्लामी कट्टरपंथियों के सच को उजागर करती फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ में आसिफा की भूमिका में नजर आने वाली एक्ट्रेस सोनिया बालानी (Sonia Balani) को धमकियाँ मिल रहीं हैं। हालाँकि, सोनिया का कहना है कि फिल्म को लेकर लोगों का जो प्यार मिल रहा है उसके सामने इस तरह धमकियाँ कुछ भी नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि वह इस्लामी धर्मांतरण का शिकार बन चुकीं 7000 लड़कियों से भी मिल चुकीं हैं।
दरअसल, आगरा के जयपुर हाउस में स्थित झूलेलाल भवन में उनके लिए एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। इस समारोह में शामिल होने पहुँची सोनिया बालानी ने कहा है कि ‘द केरल स्टोरी’ का उद्देश्य 100-200 करोड़ रुपए कमाना नहीं था। बल्कि इसका उद्देश्य तो केरल की बेटियों के साथ हुई घटनाओं की सच्चाई दिखाना था। भारत में लोग अपनी मर्जी से धर्मांतरण कर सकते हैं, लेकिन ब्रेनवॉश कर या फिर दबाव डालकर धर्मांतरण कराना गलत है।
उन्होंने यह भी कहा है कि घर से दूर या बाहर रहकर पढ़ाई करने वाली लड़कियों को इतना समझना और जागरूक होना चाहिए कि कोई उन्हें बहला-फुसलाकर या ब्रेनवॉश कर धर्मांतरण न करा सके। यह फिल्म किसी धर्म का विरोध करने के लिए नहीं बनाई गई। बल्कि आतंकवाद और आईएसआईएस के विरोध में बनाई गई है। ‘द केरल स्टोरी’ की एक-एक बात सच है इसलिए मुस्लिम लड़कियाँ भी इस फिल्म की तारीफ कर रहीं हैं। उन्होंने जिस तरह का किरदार निभाया उस तरह का काम करने वाले एक्टर्स को धमकियाँ मिलती रहीं हैं। उन्हें भी धमकियाँ मिल रहीं हैं, लेकिन फिल्म पर लोग जिस तरह से प्यार लुटा रहे हैं। उसके सामने ये धमकियाँ कुछ भी नहीं हैं।
सोनिया बालानी ने आगे कहा है कि पहले लोग स्टार कास्ट देखकर मूवी देखने जाते थे। लेकिन, ‘द केरल स्टोरी’ ने यह साबित किया है कि कहानी और किरदार में दम होना चाहिए। सोनिया का कहना है कि आसिफा का किरदार उन्होंने खुद ही चुना था। फिल्म में वह जैसी दिख रहीं हैं रियल लाइफ में उससे एकदम अलग हैं। सोनिया ने कहा है, “मैं उत्तर भारत से हूँ और पूजा करती हूँ। सकारात्मक विचारों को महत्व देती हूँ। लेकिन, ‘द केरल स्टोरी’ की आसिफा मलयालम बोलती है। नमाज पढ़ती है और उसकी सोच भी साजिश के तहत निश्चित उद्देश्य से जुड़ी है। जैसे आप नहीं होते हैं वैसे किरदार को निभाना बहुत कठिन होता है।”