सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जेल में बंद दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) को जम कर फटकार लगाई है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने सोमवार (12 दिसंबर, 2022) को सत्येंद्र जैन की ओर से पेश वकील से कहा कि हम यहाँ हाईकोर्ट के रोस्टर तय करने नहीं आए हैं। कोर्ट ने साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ी जैन की एक याचिका पर जल्द विचार करने से इनकार कर दिया।
दरअसल सत्येंद्र जैन जमानत के लिए पहले दिल्ली हाईकोर्ट गए थे। वहाँ कोर्ट ने इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय से जवाब माँग लिया और उन्हें तत्काल कोई राहत नहीं मिली। इसी के बाद जैन सुप्रीम कोर्ट पहुँचे और दिल्ली उच्च न्यायालय से जल्द सुनवाई के लिए कहने की गुहार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को सिरे से ख़ारिज कर दिया और जमकर फटकार लगाई।
सत्येंद्र जैन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एस रवींद्र भट की पीठ से कहा कि हाईकोर्ट को इस मामले को जल्द सुनवाई करने के लिए कहा जाना चाहिए , क्योंकि छुट्टियाँ शुरू होने वाली हैं। इस पर पीठ ने कहा कि आप सीधे सुप्रीम कोर्ट आते हैं, क्योंकि आप यहाँ आने का खर्च उठा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “आप शीघ्र सुनवाई के लिए हाईकोर्ट से भी अनुरोध कर सकते हैं। हम यहाँ हाईकोर्ट का रोस्टर तय करने नहीं आए हैं।”
ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीघ्र सुनवाई के लिए जैन की याचिका का विरोध किया और कहा कि जैन को हर जगह विशेष रियायत नहीं मिल सकती है। मेहता ने कहा कि जेलों में कई लोग हैं, जो जल्द से जल्द मामले का निपटारा चाहते हैं, लेकिन वे सुप्रीम कोर्ट का रुख करने में सक्षम नहीं है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 1 दिसंबर 2022 को ईडी द्वारा दर्ज धनशोधन के एक मामले में जैन की जमानत याचिका पर केंद्रीय एजेंसी का रुख जानना चाहा था। जैन ने 30 सितंबर, 2017 को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज ईडी के मामले के संबंध में जमानत माँगी है और अपनी याचिका में कहा है कि वह न तो गवाहों को प्रभावित करने की स्थिति में और न ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की स्थिति में हैं। इस मामले में उच्च न्यायालय द्वारा अगली सुनवाई 20 दिसंबर, 2022 को की जाएगी।