बिहार के यूट्यूबर पत्रकार मनीष कश्यप पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाने को तमिलनाडु के राज्यपाल रविंद्र नारायण रवि ने मँजूरी नहीं दी है। मीडिया और सोशल मीडिया में राज्यपाल की मुहर लगने के दावे किए जा रहे थे। तमिलनाडु राजभवन ने एक बयान जारी कर इन दावों को असत्य बताया है। साथ ही झूठ फैलाने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
बयान में कहा गया है कि सोशल मीडिया से यह संज्ञान में आया है कि राज्यपाल ने बिहार के किसी व्यक्ति के खिलाफ NSA लगाने की मँजूरी दी है। यह असत्य है। तमिलनाडु के राज्यपाल ने किसी भी व्यक्ति के खिलाफ एनएसए लगाने की इजाजत नहीं दी है। बयान में कहा गया है कि जनता से आग्रह है कि वे ऐसी अपुष्ट सुचनाओं को न फैलाएँ। झूठी और गुमराह करने वाली सूचना फैलाने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, मुख्यधारा की कई मीडिया संस्थानों ने भी यह खबर चलाई थी कि तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि की इजाजत मिलने के बाद अब मनीष कश्यप को कम से कम 11 महीने जेल में बिताने होंगे। गौरतलब है कि 5 अप्रैल को मनीष पर तमिलनाडु सरकार ने NSA लगाया था।
Governor has not approved any National Security Act against any individual himself. We request the citizens not to share/promote such unverified forwards or contents. Appropriate action as per law will be initiated against those found propagating false and misleading information:… pic.twitter.com/eJFENBzUg1
— ANI (@ANI) May 12, 2023
बता दें कि मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों पर कथित हमले का फेक वीडियो बनाने और सोशल मीडिया पर झूठी खबरें फैलाने का आरोप है। 8 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने मनीष कश्यप की याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए उन्हें हाई कोर्ट जाने को कहा था। कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट से NSA हटाने और अपने खिलाफ दर्ज सारे एफआईआर एक साथ करने की अपील की थी।