भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह के डीपफेक वीडियो मामले में तेलंगाना हाईकोर्ट से कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं बड़ी राहत मिली है। उच्च न्यायालय ने दिल्ली और हैदराबाद पुलिस को आदेश दिया है कि वो इसे शेयर करने वालों पर फ़िलहाल कोई कड़ी कार्रवाई न करें। हालाँकि, शुक्रवार (3 मई, 2024) को जारी हुए इस आदेश में पुलिस को मामले की जाँच की छूट दी गई है। केस पर अगली सुनवाई 12 जून, 2024 को तय की गई है। हाईकोर्ट ने इस केस के वादी को भी नोटिस जारी किया है।
‘बार एन्ड बेंच’ के मुताबिक, 29 अप्रैल, 2024 को दिल्ली पुलिस ने एक FIR दर्ज की थी। इस FIR में तहरीर किसी शिंकू शरण द्वारा दी गई थी। शिंकू शरण ने मन्ने सतीश, आशमा तस्लीम, अम्बाला शिव कुमार, पट्टम नवीन, कोया गीता और पंडयाला वामशी कृष्णा को नामजद किया था। ये सभी कॉन्ग्रेस पार्टी के सदस्य बताए जा रहे हैं। इन पर गृहमंत्री अमित शाह का एक डीप फेक वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल करने का आरोप लगाया गया था।
वायरल हुए इस डीपफेक वीडियो के साथ आरोपितों ने यह अफवाह उड़ाने की कोशिश की कि अमित शाह SC, ST और OBC का आरक्षण खत्म करने की बात कह रहे हैं। हालाँकि पुलिस जाँच के साथ तमाम फैक्ट चेक में यह वीडियो एडिटेड पाया गया था। तब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सभी आधे दर्जन आरोपितों के खिलाफ जाँच और जरूरी कार्रवाई शुरू कर दी थी। इन सभी कॉन्ग्रेस नेताओं के खिलाफ हैदराबाद पुलिस की साइबर सेल ने भी एक केस दर्ज किया।
यह FIR भाजपा नेता जी पेरेन्दर रेड्डी की तहरीर पर दर्ज हुई थी। केस दर्ज करने के बाद हैदराबाद पुलिस ने शुक्रवार (3 मई, 2024) को तेलंगाना में कॉन्ग्रेस पार्टी के कई सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था। एक स्थानीय अदालत ने इन सभी आरोपितों को जमानत दे दी। जमानत में 10-10 हजार के 2 जमानतदार लगे। इसके अलावा इन आरोपितों को सोमवार व शुक्रवार को जाँच अधिकारी के आगे सामने पेश होने का भी आदेश दिया गया था। आखिरकार आरोपितों ने हाईकोर्ट की शरण ली।
इन सभी आरोपितों ने एडवोकेट थूम श्रीनिवास के माध्यम से तेलंगाना के प्रमुख व गृह सचिव, पुलिस कमिश्नर हैदराबाद, साइबर क्राइम ब्रंच हैदराबाद SHO, वादी जी पेरेन्दर रेड्डी, दिल्ली की FIR के वादी शिंकू और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के SHO को पक्षकार बनाया था। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति बी विजयसेन रेड्डी की बेंच में हुई। दोनों पक्षों को सुन कर हाईकोर्ट ने दिल्ली और हैदराबाद पुलिस को आरोपितों के खिलाफ फिलहाल कोई कड़ी कार्रवाई न करने के निर्देश दिए। हालाँकि, अदालत ने पुलिस को जाँच जारी रखने की छूट दी है। मामले की अगली सुनवाई 12 जून तय की गई है।