साल 2020 में देश की राजधानी दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था। इन दंगों के मास्टरमाइंड में एक शरजील इमाम भी था। शरजील पिछले चार सालों से जेल में है। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में उसका पूरा खेल सामने आ चुका है। चार्जशीट में एक और नाम सामने आया था, जो अब भी आजाद है और अपने काम को बेहद चालाकी से अंजाम भी दे रहा है। वो भी पूरे इस्लामी इकोसिस्टम के साथ समन्वय बनाकर। उसका नाम है आसिफ मुज्तबा।
खास बात ये है कि शरजील इमाम की गिरफ्तारी के बाद लेफ्ट और इस्लामी इकोसिस्टम से जुड़ी मीडिया ने उसे बेगुनाह ठहराने की कोशिश की। उसके भाई मुजम्मिल के बयानों को आधार बनाकर बेगुनाही की कहानियों को बढ़ा-चढ़ाकर छापा। मुजम्मिल भी शरजील इमाम और आसिफ मुज्तवा के सारे कारनामों को जानता था। ये पूरी रिपोर्ट इसी खास मुद्दे पर…
दिल्ली में हिंदू विरोधी दंगों के 4 साल हो चुके हैं। शरजील इमाम तब से जेल में है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 15,000 पन्नों की चार्जशीट में पूरी क्रोनोलॉजी को समझाई है कि कैसे शरजील इमाम, उमर खालिद और अन्य मास्टरमाइंड ने मिलकर 5 दिसंबर 2019 से ही दिल्ली को जलाने की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली थी। इस बीच, शरजील को बेगुनाह बताने में वामपंथी और इस्लामी इकोसिस्टम पूरा जोर लगा रहा है।
इस बीच ‘द वायर’ ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसका शीर्षक था ‘दोषसिद्धि नहीं, एक्टिविस्टों से मदद नहीं, शरजील इमाम ने जेल में बिताए चार साल’। इसमें शरजील के भाई मुजम्मिल का बयान छापा गया है। उसने तमाम भावुक बातें तो कही हैं, साथ ही कहा है कि उसका भाई यानी शरजील इमाम बेगुनाह है। मुजम्मिल लिबरल गिरोह से नाकाफी मदद की भी शिकायत करता है।
इसी समय आसिफ मुज्तबा का एक ट्वीट सामने आया है। आसिफ मुज्तबा माइल्स2स्माइल नाम का एक एनजीओ का चलाता है और अपनी प्रोफाइल पर गर्व से ‘शाहीन बाग मूवमेंट’ लिखता है। वह खुद को शरजील इमाम का छोटा भाई बताता है और उसकी मदद के लिए लोगों को आगे आने के लिए कहता है।
“The elites of political activism, the most renowned names…they refrained from speaking about Sharjeel or extending him any support. Today, whatever solidarity he has is a result of an organic support from the masses,” said Muzammil. (2/n)https://t.co/wsCfC3Dk1F
— Aasif Mujtaba (@MujtabaAasif) January 28, 2024
आसिफ मुज्तबा शरजील इमाम के जेल में बिताए 4 साल पर अपनी बात रखता है और मुजम्मिल के बयान को भी एक्स पर शेयर करता है। वो शरजील इमाम को इनोसेंट यानि ‘मासूम और बेगुनाह’ बताता है।
As his younger brother, I wanted to bring to a wider audience the ideas of Sharjeel Imam, which have been misinterpreted by different people as they wished. (9/n)https://t.co/edG49WVKF3
— Aasif Mujtaba (@MujtabaAasif) January 28, 2024
अगर दिल्ली दंगों के केस नंबर 59 के चार्जशीट को देखें तो इसमें कहा गया है कि शरजील इमाम के मोबाइल से एक ह्वाट्सएप ग्रुप चैट मिला था। इस ग्रुप में आसिफ मुज्तबा और मुज्जमिल के नाम सामने आए हैं। इसमें शरजील इमाम के वॉट्सऐप चैट की एक तस्वीर है, जिसमें वो अपने छोटे भाई मुजम्मिल से बात कर रहा है। ये वही मुजम्मिल है, जो अभी शरजील को बेगुनाह बता रहा है।
इस चैट में मुजम्मिल वैश्विक न्यूज एजेंसी रॉयटर्स का शाहीन बाग प्रदर्शनों से जुड़ा एक आर्टिकल शेयर करता है। मुज्जमिल सवाल करता है कि इस आर्टिकल में सिर्फ आसिफ मुज्तबा का बयान छापा गया है, शरजील इमाम का नहीं। इस पर शरजील कहा कि कोई बात नहीं है, वे दोनों (शरजील इमाम और आसिफ मुज्तबा) ही मास्टरमाइंड हैं।
मुजम्मिजल आसिफ के जिस बयान की शिकायत कर रहा है वो है, “The masterminds of the intricately organized operation are two young engineers, trained at the elite Indian Institute of Technology (IIT) – Aasif Mujtaba and Sharjeel, who gave only one name. Mujtaba said he and Sharjeel identify volunteers, delegate tasks, bring in speakers from outside the area, and made sure the protesters avoided any confrontations with police.”
इसका हिंदी अनुवाद इस तरह से है कि ‘इस जटिल लेकिन संगठित ऑपरेशन के मास्टरमाइंड दो युवा इंजीनियर हैं, जो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से प्रशिक्षित हैं – आसिफ मुज्तबा और शरजील, जिन्होंने केवल एक नाम बताया। मुज्तबा ने कहा कि वह और शरजील वॉलंटियर्स की पहचान करते हैं, उन्हें उनका काम बताते हैं, वो बाहर से वक्ता बुलाते हैं और ये कोशिश करते हैं कि प्रदर्शन कर रहे लोग पुलिस के साथ कोई झड़प न करें।’
ये तो वो सबूत है, जो ये साफ बता रहा है कि मुज्जमिल को दिल्ली में हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा से जुड़ी शरजील इमाम की हर बात पता थी। हालाँकि, वो अभी भी छाती पीटते हुए ये साबित करने का प्रयास कर रहा है कि शरजील बेगुनाह है और उसे जानबूझकर फँसाया गया है।
अब हम आपको बताते हैं कि आसिफ मुज्तबा का असली काम क्या है और उसे कब शुरू किया। आसिफ मुज्तबा माइल्स2स्माइल नाम का एक एनजीओ को चलाता है। इस एनजीओ उद्देश्य मुस्लिमों के उत्थान के लिए काम करता है। ट्विटर बायो में भी वो खुद को शाहीन बाग से जुड़ा बताता है। रॉयटर्स जैसे इंटरनेशनल एजेंसियों के आर्टिकल इसकी पुष्टि कर चुके हैं।
माइल्स2स्माइल एनजीओ वही संगठन है, जो साल 2020 में हुए दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों के भुक्तभोगी मुस्लिमों और म्यांमार से आए रोहिंग्या घुसपैठियों के नाम पर ‘राहत’ कार्य चलाकर चर्चा में आया था। इस एनजीओ की स्थापना आसिफ मुज्तबा (शरजील इमाम ने सहयोगी मास्टरमाइंड के तौर पर नाम लिया है) ने जून 2020 में की थी। वहीं, ट्विटर आईडी अप्रैल 2020 में ही बना ली गई थी। ये समय दिल्ली में हुए एंटी-हिंदू दंगों के ठीक बाद का समय था।
तब तक दिल्ली दंगों को लेकर शरजील इमाम को गिरफ्तार किया जा चुका था। इस एनजीओ की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, इसका पहला काम हिंदू विरोधी दंगों के दौरान घायल हुए मुस्लिमों की मदद के लिए अल-इस्लाह पब्लिक स्कूल में मेडिकल कैंप चलाने का था। उसी समय स्क्रॉल ने हर्ष मंदर के एनजीओ द्वारा उसी स्कूल में ‘मुस्लिम पीड़ितों की मदद’ के लिए चलाए जा रहे कैंप को लेकर रिपोर्ट लिखी थी।
स्क्रॉल की रिपोर्ट में हर्ष मंदर ने लिखा था, “वॉलंटियर नेटवर्क के माध्यम से स्थानीय लोग भी सामने आ रहे हैं और हर्ष मंदर के ‘कारवाँ-ए-मोहब्बत’ के जरिए अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने बाबू नगर के अल-इस्लाह स्कूल में इमरजेंसी कैंप लगाया है, जहाँ मेडिकल और लीगल मदद दी जा रही है।” यहाँ ये बात ध्यान रखना जरूरी है कि हर्ष मंदर ने भी सीएए विरोधी प्रदर्शनों में भाषण दिए थे।
माइल्स2स्माइल्स फाउंडेशन का रोहिंग्या और नूहं कनेक्शन
माइल्स2स्माइल्स फाउंडेशन के संस्थापक आसिफ मुज्तबा के अनुसार, इस एनजीओ ने हरियाणा के नूहं में रोहिंग्या शिविर में एक एजुकेशन सेंटर बनाया था। आसिफ ने ट्विटर पर दावा किया था कि उसके संगठन ने हरियाणा के नूहं में रोहिंग्या शरणार्थियों (घुसपैठिए पढ़ें) के लिए कंस्ट्रक्शन कराए और रहने के लिए घर बनाए। इसके लिए उसके एनजीओ को फंड भी मिला था।
बता दें कि नूहं हरियाणा के मेवात इलाके में है और ये इलाका ‘मिनी पाकिस्तान‘ के रूप में जाना जाता है। यहाँ हिंदुओं महिलाओं के अपहरण, बलात्कार और जबरन धर्मांतरण की खबरें नियमित रूप से सामने आती रही हैं। बता दें कि ऑपइंडिया ने बताया था कि आसिफ मुज्तबा ने सरकार से अनुमति लिए बिना ही अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं के लिए घर बनाए थे।
दरअसल, जब हरियाणा सरकार अतिक्रमण विरोधी अभियान चला रही थी, तब आसिफ काफी हल्ला मचा रहा था। बता दें कि माइल्स2स्माइल जब से बना है, तब से लेकर अब तब वह रोहिंग्या घुसपैठियों के लिए काम करता रहा है। अपनी वेबसाइट पर भी इस एनजीओ ने रोहिंग्याओं के लिए किए जा रहे कामों को लिस्ट किया है।
यही नहीं, नूहं हिंसा के बाद जब सरकार ने कार्रवाई की, तब भी वो सिर्फ रोहिंग्याओं के खिलाफ कार्रवाई को ही मुद्दा बना रहा था।
आसिफ और इस्लामी गिरोह के फेक न्यूज पेडलर जुबैर का कनेक्शन
साल 2022 में देश के कई राज्यों में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाए गए। तब आसिफ मुज्तबा के एनजीओ माइल्स2स्माइल ने उनके नाम पर पूरे देश में उगाही की। यही नहीं, जुबैर ने इस काम को आगे बढ़ाया और लोगों से बढ़-चढ़कर मदद देने की अपील की।
Let's start a fund raising campaign to help people whose buildings and shop were demolished. Can local volunteers help in collecting the names of the people who would need help? We can get in touch with @ketto or @milaapdotorg or any other fund raising platforms who can help.
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) April 20, 2022
इस काम के लिए कीटो जैसी फंडराइजिंग साइट्स की मदद ली गई। इस तरह से एक करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि उगाही गई, उसे इस्लामी इकोसिस्टम ने सिर्फ मुस्लिमों में बाँटे गए। इसके लिए जुबैर ने एनजीओ को बधाई भी दी।
Of 1Cr+, @miles2smile_ received 30L from Ketto yesterday ( Pending funds would be transferred by Ketto tomorrow), They've distributed 19.5L today to 10 people. Remaining would be transferred as an when they receive (at the earliest). Thanks to one and all. ❤️🙏 https://t.co/SwHADhRZEX
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) April 27, 2022
अब तक तो ये साफ ही हो चुका है कि आसिफ मुज्तबा वही आदमी है, जिसका जिक्र खुद शरजील इमाम ने मास्टरमाइंड के तौर पर किया है। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में भी उसका नाम आया है। शरजील के भाई मुजम्मिल को भी दोनों के बारे में पता है। इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स में भी उसके बयान छपे हैं।
न सबके बावजूद आसिफ मुज्तबा न सिर्फ खुलकर अपना एनजीओ चला रहा है, बल्कि उसकी आड़ में वह रोहिंग्याओं की खुलकर मदद कर रहा है। इसमें मोहम्मद जुबैर जैसे फेक न्यूज पेडलर का भी उसे साथ मिल रहा है, जो शुरू से ही दिल्ली के एंटी-हिंदू दंगों के दोषियों को बचाने के लिए काम करता रहा है।
यह लेख मूल रूप से अंग्रेजी भाषा में नूपुर जे शर्मा द्वारा लिखा गया है। मूल रिपोर्ट को पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।