पाकिस्तान के लिए जासूसी करने आरोप में सुरक्षा एजेंसियों ने राजस्थान के सीमावर्ती जिले बाड़मेर से रतन खान सहित 2 और लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले राजस्थान की सुरक्षा एजेंसियों ने बाड़मेर से 4 संदिग्धों पकड़ा था। ये पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को गोपनीय सूचनाएँ भेज रहे थे।
दोनों आरोपित पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी कर रहे थे। रतन खान कई बार पाकिस्तान भी जा चुका है। वहीं, दूसरा आरोपित जवान तेल उत्पादन क्षेत्र एमपीटी में तैनात था। इसे आईएसआई की एजेंट महिला ने हनीट्रैप में फँसाकर और पैसों का लालच देकर अपने जाल में फाँसा था।
दरअसल, राजस्थान की सुरक्षा एजेंसी CID इंटेलिजेंस पाकिस्तान द्वारा राज्य में की जाने वाली जासूसी गतिविधियों की निगरानी कर रही थी। इस दौरान उसे बाड़मेर जिले में दो संदिग्ध मिले, जो सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान के संपर्क में थे। इसके बाद इन पर निगरानी बढ़ा दी गई।
एजेंसी ने जाँच की तो एक शिव लंगों की ढाणी धारवी कलां का रहने वाला 52 साल का रतन खान के रूप में मिला। वहीं, दूसरा आरोपित चिमाणियों की ढाणी शोभाला जेतमाल गाँव का रहने वाला पारूराम है। एजेंसी ने दोनों की पृष्ठभूमि भी खंगाली।
CID इंटेलिजेंस के मुताबिक, रतन खान साल 2012 से ही अपने रिश्तेदारों से मिलने के बहाने पाकिस्तान जाता रहा है। वहाँ जाकर वह ISI मिलता और जासूसी की ट्रेनिंग लेता था। उसने वहाँ जाकर सीखा कि सीमावर्ती इलाकों की गोपनीय सूचनाएँ अपने मोबाइल फोन से तैयार कर सोशल मीडिया के माध्यम से कैसे भेजनी है।
ट्रेनिंग के बाद रतन खान प्रतिबंधित सीमावर्ती इलाके की फोटो, वीडियो सहित गोपनीय सूचनाएँ वॉट्सऐप के जरिए पाकिस्तान भेजने लगा। इसके बदले में उसे पाकिस्तान की ओर से पैसे भी दिए जाते थे। वह पिछले 10 सालों में 20 से ज्यादा बार पाकिस्तान जा चुका है।
वहीं, 34 साल का पारूराम बॉर्डर होमगार्ड में गार्डमैन के पद पर कार्यरत है। वह नागाणा कवास (बाड़मेर) स्थित मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल में सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहा था। ISI की महिला हैंडलर ने उसे हनीट्रैप में फँसा लिया। वह हनीट्रैप और पैसों के लालच में गोपनीय सूचनाएँ भेजता था।