बिहार के बेतिया रोड में दो लोग गोमाँस ले जाते हुए पकड़े गए। एक प्रत्यक्षदर्शी ने ऑपइंडिया से बातचीत करते हुए बताया कि पश्चिम चम्पारण के साठी थाना स्थित हरनहिया गाँव में शुक्रवार (अप्रैल 9, 2020) की सुबह 2 लोग गोमाँस लेकर जा रहे थे। जब उन्हें शक के आधार पर ग्रामीणों द्वारा पकड़ा गया और पूछताछ की गई तो उन्होंने इस बात को स्वीकार किया। सूचना देने के 5 घंटे बाद पुलिस आई।
ग्रामीणों का दावा है कि पुलिस ने समुदाय विशेष के लोगों से कहा कि वे ₹2 लाख दे दें तो मामला रफा-दफा कर दिया जाएगा। ग्रामीणों को सूचना मिली कि अंत में ₹60,000 पर सब तय हुआ। पत्रकारों को पहले ही कह दिया गया था कि वो वीडियो कहीं नहीं भेजें। चूँकि, इलाके में समुदाय विशेष के लोग बहुतायत में हैं, लोग भी डर से कुछ नहीं बोल रहे। ग्रामीणों का आरोप है कि एफआईआर दर्ज करने में भी पुलिस ने काफ़ी आनाकानी की है। हमने पुलिस से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उनकी तरफ़ से कोई जवाब नहीं आया।
ग्रामीण इस बात से आक्रोशित हैं कि पुलिस आख़िर इतनी देर से क्यों पहुँची। गुस्साए लोगों ने नरकटियागंज-बेतिया मार्ग को जाम कर दिया। हंगामा की ख़बर मिलते ही पुलिस वहाँ पर पहुँची और ग्रामीणों को समझा-बुझा कर मामला शांत कराया। पुलिस ने करीमुल्लाह और फैजल आलम को मौके पर से गिरफ़्तार किया। नरकटियागंज के पशु चिकित्साधिकारी के पास माँस के सैम्पल को जाँच हेतु भेजा गया। हालाँकि, ग्रामीणों का कहना है कि जब उन्होंने कड़ाई से पूछताछ की तो दोनों ने गोमाँस होने की बात स्वीकार कर ली थी।
वहीं पुलिस का कहना है कि प्राथमिकी दर्ज करने के बाद दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। दोनों आरोपित प्लास्टिक के झोले में प्रतिबंधित माँस रख कर साइकिल से जा रहे थे, तब ग्रामीणों ने शक के आधार पर उन्हें पकड़ा था। उनके पास दो झोले थे, जिनकी तलाशी लेने के बाद पुलिस को सूचना दी गई। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि इस रास्ते से पहले भी ये लोग गोमाँस ले जाते होंगे।