पंजाब के लुधियाना में एक हिन्दू मंदिर में तोड़फोड़ की खबर है। महादेव के इस मंदिर पर तेज धार वाली हथायार से वार करके 14 मूर्तियाँ को खंडित कर दिया गया है। इसके साथ ही शिवलिंग को भी उखाड़ दिया गया है। मौके पर पहुँचकर पुलिस CCTV फुटेज आदि खंगाले रही है। इस घटना पर हिन्दू संगठनों ने नाराजगी जताई है। वहीं, प्रशासन ने लोगों से शाँति बनाए रखने की अपील की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लुधियाना के जुगियाना क्षेत्र में पड़ने वाले गाँव साहनेवाल के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक शिव मंदिर है। यहाँ 26-27 फरवरी रात को उपद्रवियों ने इस घटना को अंजाम दिया। 27 फरवरी की सुबह जब पुजारी पूजा-पाठ के लिए आए तो उन्होंने मंदिर को अस्त-व्यस्त देखा। मंदिर के शीशे टूटे हुए थे। माता दुर्गा सहित अन्य 14 मूर्तियों पर तलवार से वार किए गए थे।
हमले की वजह से मूर्रियों के सिर और हाथ हिस्से टूट गए थे। शिवलिंग को सब्बल से मारकर उखाड़ दिया गया था। इसके अलावा, पूजा सामग्रियों को भी बिखेर दिया गया था। गेट पर लगे ताले भी टूटे हुए मिले। इसके बाद पुजारी ने इस घटना की सूचना मंदिर कमेटी के सदस्यों को दी। मंदिर कमेटी के सदस्यों ने घटना की सूचना फ़ौरन ही साहनेवाल पुलिस को दी।
मंदिर में कोई CCTV कैमरा नहीं लगा था। इस कारण आरोपितों की पहचान नहीं हो पाई। पुलिस आसपास की फैक्ट्रियों के फुटेज खँगाल कर हमलावरों तक पहुँचने का प्रयास कर रही है। घटनास्थल पर पहुँचे ACP गुरइकबाल सिंह ने आरोपितों को जल्द ही गिरफ्तार करने का भरोसा दिया है। इस बीच हिन्दू संगठन के सदस्य वहाँ पहुँच गए और पुलिस-प्रशासन पर ढिलाई बरतने का आरोप लगाया।
शिवसेना सेना नेता भानू प्रताप ने बताया कि कुछ ही दिन पहले गोवंश का कटा सिर मिला था, जिसमें अभी तक कोई पकड़ा नहीं गया है। वहीं, हिंदू नेता अमित कौंडल ने कहा कि पंजाब में मंदिरों पर हमले आम हो गई है। उन्होंने इस घटना को शिवरात्रि से पहले हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने वाला बताया। एक अन्य हिन्दू नेता रिषभ कन्नौजिया ने प्रशासन पर कुम्भकर्ण की नींद में सोने का आरोप लगाया।
अभी तक इस मामले में किसी भी हमलावर की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस ने आक्रोशित लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। हिन्दू संगठनों ने कार्रवाई के लिए प्रशासन को 72 घंटों का अल्टीमेटम दिया है। लगभग 5 माह पहले इस मंदिर पर एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी, तब मंदिर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। मंदिर कमेटी के सदस्यों ने अपनी तरफ से तब इसकी मरम्मत करवाई थी।