भारत लाकर हिंदू नामों से विदेश भेजे जाते थे बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिम: एयर इंडिया का स्टाफ करता था मदद, यूपी ATS का खुलासा

हिंदू नाम से बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिमों को विदेश भेजने वाले रैकेट का पर्दाफाश

उत्तर प्रदेश ATS ने हिन्दू नाम से भारतीय लोगों के फर्जी दस्तावेज लगाकर बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को विदेश भेजने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है। ATS ने इस रैकेट से जुड़े एक आरोपित को सहारनपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपित का नाम अजय घिल्डियाल है, जो एयर इंडिया के कस्टमर केयर में काम करता है। पुलिस ने यह जानकारी 19 नवम्बर 2021 (शुक्रवार) को दी है।

अजय दिल्ली के इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर साल 2016 से कार्यरत है। अजय देहरादून में पटेल नगर थाना क्षेत्र स्थित रतनपुर नया गाँव का रहने वाला है। अजय पर अब तक लगभग 40 लोगों को फर्जी दस्तावेजों के सहारे स्पेन, ब्रिटेन सहित अन्य यूरोपीय देशों भेजे जाने का आरोप है। पुलिस इस मामले में और जानकारी जुटा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 11 नवंबर 2021 (गुरुवार) को ATS ने बांग्लादेश और म्यांमार से मुस्लिमों को भारत में हिन्दू नाम से प्रवेश करवाने वाले रैकेट का खुलासा किया था। इस मामले में मानव तस्करी गिरोह का मददगार विक्रम को गाज़ियाबाद और समीर मंडल को भी पश्चिम बंगाल के 24 परगना से गिरफ्तार किया गया था। वह ट्रैवल एजेंसी चलाता है। ये आरोपित बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों को भारत की नागरिकता दिलाने का भी काम करते थे। इसी भारतीय नागरिकता के सहारे बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को विदेश भेजा जाता था। विक्रम से हुई पूछताछ के बाद उसके सहयोगी अजय घिल्डियाल को पकड़ा गया है।

आइजी एटीएस जीके गोस्वामी के मुताबिक, अजय फर्जी दस्तावेजों के सहारे विदेश भेजे जाने वाले हर व्यक्ति पर 15 हजार रुपये मिलते थे। इस पैसे में कई अन्य कर्मचारी भी हिस्सा बंटवाते थे, जो एयरलाइंस ड्यूटी में तैनात हैं। इस मामले में एक अन्य आरोपित गुरप्रीत है। गुरप्रीत लंदन पासपोर्ट ऑफिस में काम करता है। गुरप्रीत अजय को फोन पर निर्देश दिया करता था। विस्तृत पूछताछ के लिए ATS ने अजय को 10 दिन के रिमांड पर लिया है। ATS ने अन्य आरोपित विक्रम का भी रिमांड लिया है। इस दौरान दोनों आरोपितों को आमने-सामने बैठा कर सवाल-जवाब किए जाएँगे।

पकड़े गए आरोपित रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों का हिन्दू नाम से आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र बनवाते थे। बाद में इसी आधार पर फर्जी नाम-पतों पर पासपोर्ट बनवाए जाते थे। मानव तस्करी का यह गिरोह घुसपैठियों की पहचान बदलकर विदेश भेजने के लिए आरटीपीसीआर जाँच की फर्जी रिपोर्ट व जाली वैक्सीनेशन रिपोर्ट भी तैयार करवाता था। बताया जा रहा है कि अभी इस रैकेट से जुड़े कई अन्य लोगों का खुलासा हो सकता है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया