उत्तर प्रदेश के कानपुर में हिंदू संगठनों ने बजरंग दल के नेतृत्व में सिग्नेचर कैंपेन की शुरुआत की है। ये कैंपेन मस्जिदों पर लगे अवैध लाउडस्पीकर के ख़िलाफ़ शुरू किया गया है जिनसे अजान के समय तेज आवाजें आती हैं।
ये कैंपेन 22 फरवरी 2021 से शुरू किया गया है। अभियान के तहत संगठन का मकसद एक लाख लोगों का समर्थन पाना है। इसके लिए, संगठन ने कानपुर में 1 लाख लोगों के हस्ताक्षर एकत्र करने और भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई है।
ऑपइंडिया से बात करते हुए राष्ट्रीय बजरंग दल के राष्ट्रीय सचिव रामजी तिवारी ने कहा कि कैंपेन 22 फरवरी को घंटाघर स्थित भारत माता मंदिर से शुरू किया गया, जहाँ हिंदू संगठनों के सदस्यों ने उस असुविधा पर बात की जो मस्जिदों में लगे अवैध लाउडस्पीकरों के कारण होती है।
दरअसल, लाउडस्पीकर्स के ख़िलाफ़ इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अजान के समय होते लाउडस्पीकर के इस्तेमाल से लोगों को दिक्कतें होने लगी हैं। इसलिए हिंदू संगठन ने जागरूकता फैलाकर इस प्रैक्टिस को रोकने के लिए कदम उठाया है। तिवारी ने यह भी बताया कि संगठन का उद्देश्य कानपुर के 1 लाख लोगों द्वारा हस्ताक्षरित भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर उन्हें इस मुद्दे से अवगत कराना है।
इस बीच कानपुर की एक वकील ने भी ट्विटर पर बताया है कि अवैध लाउडस्पीकर्स को हटवा कर रहेंगी इसलिए कानूनी प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने पूछा है कि उनके इस अभियान में कौन-कौन उनके साथ है।
अवैध लाउडस्पीकर हटवा कर रहूंगी,इसके लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू हो गई है कौन कौन साथ है…? pic.twitter.com/KpMZTUVPjL
— कल्पना श्रीवास्तव (@Lawyer_Kalpana) February 22, 2021
हालाँकि, एक मुस्लिम मौलवी ने कहा है कि ये कैंपेन फर्जी है और केवल लोगों को भ्रमित करके एक पार्टी को फायदा पहुँचाने के लिए चलाया जा रहा है। उन्होंने बोला कि संविधान उन्हें अजान चलाने का अधिकार देता है और इसे करने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता।
यहाँ गौरतलब रहे कि हिंदू संगठनों में कोई भी अजान रोकने की बात नहीं कर रहा है, बस उनका कहना है कि वह लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के ख़िलाफ़ हैं। इसके अलावा ये भी ज्ञात हो कि पिछले साल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये कहा था कि मस्जिद से मौलवी का अजान पढ़ना इस्लाम का हिस्सा है लेकिन साउंड डिवाइस जैसे लाउडस्पीकर इसका हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा था कि ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल आर्टिकल 25 के तहत किसी को नहीं मिलता।
कोर्ट ने कहा था कि अजान के समय लाउडस्पीकर के प्रयोग से वह सहमत नहीं है। इसके लिए कोर्ट ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर से अजान पर रोक को भी वैध माना। साथ ही कोर्ट ने जिला प्रशासन से रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देने को कहा था।