जान दे भतीजे को जिंदगी दे गई बुआ: रेलवे पटरी में फँसा भतीजे का पैर, नहीं निकाल पाई तो उसके ऊपर लेट गई, शरीर के हुए 4 टुकड़े

अपनी जान देकर बुआ ने भतीजे की जान बचाई

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे पढ़ने के बाद आपकी आँखों से आँसू निकल आएँगे। यह घटना मुरादाबाद के भैंसिया की है, जहाँ गुरुवार (9 दिसंबर 2021) को तीन साल के बच्चे को उसकी बुआ अपनी जान गँवाकर नया जीवन दे गई। भतीजे की जान बचाने के लिए वह रेलवे पटरी पर लेट गई। इससे भतीजे आरव की जान तो बच गई, लेकिन बुआ के ऊपर से ट्रेन गुजरने से उसके शरीर के चार टुकड़े हो गए।

दरअसल, कुंदरकी थाना क्षेत्र के हुसैनपुर गाँव की रहने वाली 20 वर्षीय शशिबाला अपनी ममेरी बहन की शादी में पापा के साथ ननिहाल भैंसिया आई थी। गुरुवार शाम को कुआँ पूजन के दौरान शशिबाला पूरे परिवार के साथ मुरादाबाद-लखनऊ रेल लाइन के दूसरी तरफ गई हुई थी।

कुआँ पूजन से लौटते हुए शशिबाला ने देखा कि उसके ममेरे भाई आनंद प्रकाश के तीन साल के बेटे आरव का पैर पुल पर रेलवे लाइन में फँस गया है। इस दौरान उसने बच्चे का पैर निकालने की लाख कोशिश की, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाई। उसने देखा कि एक तेज रफ्तार ट्रेन उसी की ओर आ रही है। इसके बावजूद वह बच्चे का पैर निकालने का प्रयास करती रही, लेकिन ट्रेन के काफी पास आने के बाद शशिबाला बच्चे को ट्रैक पर लिटाकर उसके ऊपर लेट गई। इससे ट्रेन उन दोनों के ऊपर से गुजर गई।

इस घटना को देखकर वहाँ मौजूद महिलाओं के होश उड़ गए। उन्होंने ट्रैक पर जाकर देखा तो शशिबाला के शरीर के चार टुकड़े हो गए थे, लेकिन बच्चा सुरक्षित था। इसके बाद से शादी वाले घर में खुशी की जगह मातम पसर गया। कटघर थाना प्रभारी आरपी शर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद युवती के शव को परिजनों को सौंप दिया गया है। वहीं, इस घटना में आरव को हल्की चोट आई है, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

बता दें कि बेटी की मौत के बाद से पिता की स्थिति बेहद खराब है। उन्होंने बताया कि शशिबाला उनकी इकलौती संतान थी। उसकी माँ आशा की 12 साल पहले बीमारी के कारण मौत हो गई थी। उस समय वह 8 साल की थी। रिश्तेदारों ने उन पर दूसरी शादी करने का दबाव बनाया था, लेकिन बेटी की वजह से उन्होंने मना कर दिया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया