उत्तराखंड के जंगलों में लगी भयावह हो चुकी है और अब वह लोगों घरों-आंगन तक पहुँच गई है। ये आग इतनी भयावह हो गई है कि इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है। आग के कारण लगभग एक हजार हेक्टेयर से अधिक जंगल जलकर खाक हो गए हैं। वहीं, कुछ लोगों के मौत की भी खबर है। इस बीच एक वीडियो सामने आया है, जिसमें दो लड़के जंगल में आग लगाने की बात कर रहे हैं।
सामने आए वीडियो में दो लड़के हैं, जबकि एक वीडियो बना रहा है। इनमें से एक लड़का कहता है, “देखिए फाइनली गाइज, हम लोग आग लगाने का काम कर रहे हैं। आग लगाना और आग से खेलना ही हमारा काम है। हम जब-तब आग से खेलते रहते हैं। आज हम लोग यही काम करने यहाँ आए हैं। हम यहाँ पहाड़ को जलाकर भस्म कर देंगे। नीचे गिरे पत्तों को भी जलाकर राख कर देंगे।”
Migrants from Bihar burn forest in Uttarakhand and say "We will burn down entire forest, dont challenge Biharis"
— Arvind Chandra (@ArvindChandra8) May 3, 2024
बिहार से आए प्रवासी ने उत्तराखण्ड के जंगल में आग लगाई।
और कहा कि “ हम सभी जंगलों को जला देंगे, बिहारियो को चैलेंज मत करना।#Uttrakhand #Bihar pic.twitter.com/5LuOY6q5jR
वीडियो में लड़के कह रहे हैं, “हम हमेशा आग से खेलते हैं। ये हमारे सुखलाल अंकल हैं, जो हमेशा आग लगाते रहते हैं। आग से खेलने वालों से कभी टक्कर नहीं लिया जाता और बिहारियों को कभी चैलेंज नहीं किया जाता।” इन लड़कों का दावा है कि वे बिहार के रहने वाले हैं। ये वीडियो कब के हैं, इसके बारे में अभी जानकारी सामने नहीं आई है।
हालाँकि, 28 अप्रैल 2024 को उत्तराखंड के वन विभाग ने नागदेव रेंज खिर्सू के पास जंगल में आग लगाने वाले पाँच मजदूरों को पकड़ा था। ये सभी बिहार के रहने वाले हैं। इन आरोपितों की पहचान मोसार आलम, नाजेफर आलम, नुरुल, सलीम और फिरोज आलम के रूप में हुई है। ये यहाँ मजदूरी का काम करते थे। ये जंगल में आग लगाते हुए वन विभाग को मिले थे।
हालाँकि, इस वीडियो को लेकर उत्तराखंड सरकार या किसी सरकारी एजेंसी द्वारा अभी तक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। उत्तराखंड में गढ़वाल से लेकर कुमाऊँ तक जंगल जल रहे हैं। इसके कारण ना सिर्फ पेड़-पौधे नष्ट हो रहे हैं, बल्कि जीव-जंतु भी जलकर राख हो रहे हैं। आग की लपटें केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर तक पहुँच गई हैं।
वहीं, पौड़ी जिले में वन विभाग के पोखड़ा रेंज अंतर्गत आने वाले जंगलों में आग लगाने वाले एक आरोपित को वन विभाग ने पकड़ा है। वह गमला गाँव के समीप जंगलों में आग लगा रहा थाआरोपित के खिलाफ वन अधिनियम और लोकसंपत्ति को नुकसान पहुँचाने के तहत केस दर्ज किया है। जिले में अभी तक जंगलों में आग लगाने वाले 11 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
वहीं, अगर पूरे राज्य की बात करें तो वनों में आग लगाने वाले 52 लोगों की पहचान करके उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई की जा रही है। प्रमुख वन संरक्षक हॉफ सीनियर आईएफएस अधिकारी धनंजय मोहन ने बताया कि अब तक उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने के 804 मामलों में 1011 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुए हैं।
राज्य में अब तक आग लगने या लगाने की कुल 828 घटनाएँ सामने आई हैं। पिछले 24 घंटे में कुल 66 आग की घटनाएँ दर्ज की गई हैं। वहीं, अल्मोड़ा में आग बुझाते वक्त एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन लोग झुलस गए। इस विकराल आग ने करीब एक हजार हेक्टेयर एरिया में तांडव मचाया है।
बताया जा रहा है कि आग लगने के कारण ना सिर्फ पर्यावरण और संपदा को नुकसान हुआ है, बल्कि पशु-पक्षी भी मारे गए हैं। वहीं, भीषण आग के कारण करीब 24 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 10 वर्षों में जंगल में आग की घटनाओं में कुल 18 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 75 लोग अब तक झुलस चुके हैं।