Thursday, November 14, 2024
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‘मैं हिन्दू हूँ इसलिए मेरा उत्पीड़न हो रहा है’ : आगरा के स्कूल में महिला प्रिंसिपल मुस्लिम टीचरों से परेशान, वायरल Video में बोलीं- आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं

वीडियो में हिन्दू महिला प्रिंसिपल रो-रोकर अपना दर्द बता रही हैं। उनका आरोप है कि स्कूल की मुस्लिम शिक्षिकाओं ने गुट बना लिया है। वह उनके खिलाफ छात्राओं को भड़का रही हैं। उन्हें अपने घर से आते-जाते समय डर लगता है।

उत्तर प्रदेश के आगरा के एक स्कूल की हिन्दू महिला प्रधानाचार्य का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वीडियो में प्रिंसिपल ने अपने स्कूल की अन्य मुस्लिम शिक्षिकाओं पर गंभीर इल्जाम लगाए हैं। उनका कहना है कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। अगर ये सब चलता रहा तो वो आत्महत्या कर लेंगी।

वीडियो में हिन्दू शिक्षिका का आरोप

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह पूरी घटना उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में कैंट स्थित जॉय हैरिस स्कूल की है। स्कूल की प्रधानाचार्य वायरल वीडियो में वह रोते हुए कहती हैं,

“मुझे मुस्लिम शिक्षिकाओं द्वारा परेशान किया जा रहा है। उसमें रिहाना खातून उनकी लीडर है। वह 6-7 शिक्षिकाओं को लेकर चलती हैं। फर्स्ट ईयर और इंटर की छात्राओं द्वारा मुझे जीने नहीं दिया जा रहा है। मैं क्लास में पढ़ाने जाती हूँ। मेरा उत्पीड़न होता है। लड़कियाँ आरोप लगाती हैं। अगर मैं प्रार्थना ग्राउंड में खड़ी होती हूँ तो वहाँ भी मुझे तंग किया जाता है।”

प्रिंसिपल आगे बताती हैं, “रिहाना खातून 15 साल से प्रिंसिपल सीट लेने में लगी हुई हैं। वह कहत थी मैं तुझे कुर्सी पर नहीं बैठने दूँगी। उसने नारे लगवाए थे- ममता दीक्षित कुर्सी छोड़ो। लड़कियों में इस तरह राजनीतिक विचार भरे जा रहे हैं। मुझे प्रिंसिपल सरकार ने बनाया है। फिर भी कुर्सी के लिए मेरा उत्पीड़न हो रहा है। मेरा जीना इतना दूभर हो गया है कि आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं है। मेरे दो छोटे-छोटे बच्चे हैं।”

सुन सकते हैं कि आगे प्रिंसिपल ने कहा स्कूल के ऐसे माहौल के कारण उन्हें एक्टिवा से घर जाने में डर लगता है। 150-200 लड़कियाँ ऐसे कर रही हैं। इनमें अधिकांश सराय ख्वाजा की मुस्लिम संप्रदाय की लड़कियाँ हैं। प्रिंसिपल के अनुसार, उनके साथ ये घटनाएँ दो साल से हो रही हैं। उससे पहले भी उन्हें तंग किया जाता था ताकि वो रिजाइन दे दें। इसी के चलते रोज लड़कियों से ऐसी गतिविधियाँ करवाई जाती थीं।

ममता दीक्षिता का आरोप है कि लड़कियों से पहले खाली कागज पर साइन करवाए जाते हैं। उसके बाद शिकायतें अपनी मर्जी से लिखकर जिलाधिकारी, शिक्षा निदेशक और मुख्यमंत्री को दी जाती है। कई वीडियो बनाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की बात भी प्रिंसिपल को कहते सुना जा सकता है। वो कहती हैं, “ये शिक्षिकाएँ मेरा मर्डर करवाकर रहेंगी। मैं हिन्दू हूँ इसलिए मेरा इतना उत्पीड़न हो रहा है।”

यूनिफॉर्म पर टोकने पर भी विरोध

बता दें कि कुछ जगह कहा जा रहा है कि प्रिंसिपल द्वारा यूनिफॉर्म पर टोकने पर भी उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। वह कहती हैं कि स्कूल यूनिफॉर्म में आना चाहिए इस पर भी उनके विरुद्ध शिकायतें होती हैं। कार्यालय में लगी माँ सरस्वती की तस्वीर के खिलाफ भी आपत्ति जताई जाती है।

हिन्दू संगठनों की प्रिंसिपल से बात

प्रिंसिपल की यह वीडियो वायरल होने के बाद हंगामा मच गया। मैनेजमेंट कमेटी ने जहाँ कथिततौर पर आरोपित शिक्षिकाओं को नोटिस भेजा। वहीं हिन्दू संगठन के लोगों ने प्रिंसिपल से मुलाकात की। मुलाकात में यही पता चला कि मामला 15 साल पुराना है और ये लड़ाई प्रिंसिपल की कुर्सी के लिए है।

हिन्दू प्रधानाचार्या के साथ मुलाकात करने वाली एक दुर्गा वाहिनी संगठन की मेरठ क्षेत्र की संयोजिका ने बताया कि प्रिंसिपल की बात संबंधित अधिकारियों से हो गई है। उन्हें आश्वासान दिया गया है कि दोबारा उन्हें तंग नहीं किया जाएगा।

कार्यालय में माँ सरस्वती की तस्वीर पर जताई आपत्ति

दुर्गा वाहिनी की क्षेत्र संयोजिका ने कहा कि उन्होंने इस पूरे मामले में वो वीडियोज देखीं हैं जिसमें मुस्लिम छात्राएँ तोड़फोड़ कर रही हैं। प्रिंसिपल के खिलाफ नारेबाजी कर रही हैं। ये लड़कियाँ 11-12वीं की हैं। उनकी ही टीचर रिहाना खातून हैं। रिहाना से ममता दो-तीन साल सीनियर हैं इसलिए उन्हें प्रिंसिपल बनाया गया लेकिन रिहाना का कहना है कि वो पोस्ट उन्हें चाहिए क्योंकि स्कूल में मुस्लिम लड़कियाँ हैं।

इसके अलावा उन्होंने जानकारी दी कि उन्हें पता चला है कि स्कूल में लड़कियाँ हिजाब पहनकर आती हैं। साथ ही प्रिंसिपल को कहा जाता है कि उनके कमरे में जो सरस्वती मात्रा का चित्र है उसे हटाया जाए। यहाँ मुसलमान ज्यादा हैं तो मक्का-मदीना का चित्र लगेगा।

बताया जा रहा है कि इन घटनाओं के बाद से प्रिंसिपल ममता दीक्षित काफी डरी हुई हैं। वो किसी से बात करने से पहले भी विचार कर रही हैं। ऑपइंडिया ने उन्हें संपर्क करने का प्रयास किया था। लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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