Sunday, September 8, 2024
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‘कमाल का है PM मोदी का एनर्जी लेवल, अनुच्छेद-370 हटाने के लिए चाहिए था दम’: बोले ‘दृष्टि’ वाले विकास दिव्यकीर्ति – आर्य समाज और RSS से जुड़ा रहा है परिवार

उन्होंने कहा कि ग्रहणबोध के हिसाब से माहौल बनता है और उत्तर प्रदेश में 'संविधान बदल देने' और 'आरक्षण खत्म करने' वाले विपक्ष के प्रचार पर लोगों ने भरोसा किया।

UPSC की तैयारी कराने वाली जानी-मानी कोचिंग संस्था ‘दृष्टि’ के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति ने बताया है कि उनका परिवार आर्य समाजी था, साथ ही RSS से भी ठीक-ठाक जुड़ाव था। विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में आर्य समाज के नियम-कायदे वही हैं, जो पश्चिम बंगाल में ब्रह्मो समाज का था। उन्होंने कहा कि ये संगठन अंग्रेजी संस्कृति से लड़ रहे हैं, उसके हिसाब से ये हिन्दू धर्म को पुनः परिभाषित कर रहे थे – जैसे जाति व्यवस्था और महिला विरोधी परंपरओं को ख़ारिज किया जाए।

ANI पर स्मिता प्रकाश के साथ पॉडकास्ट में विकास दिव्यकीर्ति ने बताया कि स्वामी दयानन्द सरस्वती गुजरात से आए थे, उनका मूल नाम मूलशंकर तिवारी था लेकिन उनका प्रभाव यहाँ ज़्यादा पड़ा। उन्होंने बताया कि इस बेल्ट में हिन्दू-मुस्लिम की टकराहट थी, इस कारण आर्य समाज और मुस्लिम समाज के बीच संघर्ष शुरू हुआ। आर्य समाज के शुद्धि आंदोलन (घर-वापसी) का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि स्वामी श्रद्धानन्द ने ये आंदोलन चलाया था, इसीलिए इतिहास देखें तो आर्य समाज में एक मुस्लिम विरोधी रुख और मुस्लिम समाज में आर्य समाज विरोधी रुख नज़र आता है।

विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि RSS 1925 में बना लेकिन आर्य समाज 1875 से चल रहा था। उन्होंने कहा कि संघ में अधिकतर महाराष्ट्र का ही नेतृत्व रहा, लेकिन उसे राष्ट्रीय आधार मिला। उन्होंने समझाया कि इस कारण ये संगठन आपस में जुड़ने लगे, इस कार्य आर्य समाजी सामाजिक रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और राजनीतिक रूप से भाजपा से सम्बद्ध रखता है। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में और स्कूल में राम मंदिर के पक्ष में विचार था, वो भी यही विचार रखते थे।

विकास दिव्यकीर्ति ने बताया कि कई मुस्लिम दोस्त उनसे झगड़ा करते थे, क्योंकि उन्हें RSS के पक्ष से बहस करने वाला माना जाता था। उन्होंने बताया कि अगर वो UPSC की तरफ नहीं आते तो वो नेता होते। लोकसभा चुनाव 2024 के संबंध में उन्होंने कहा कि ग्रहणबोध के हिसाब से माहौल बनता है और उत्तर प्रदेश में ‘संविधान बदल देने’ और ‘आरक्षण खत्म करने’ वाले विपक्ष के प्रचार पर लोगों ने भरोसा किया। बकौल विकास दिव्यकीर्ति, लोगों ने ये नहीं समझा कि संविधान बदलने के लिए 400 सीटों की ज़रूरत ही नहीं है, 355 ही चाहिए।

अयोध्या में भाजपा की हार पर उन्होंने कहा कि OBC, दलित और मुस्लिम वहाँ 60% हैं जिनका वोट सपा के दलित उम्मीदवार को मिले। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध में विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि उनका एनर्जी लेवल कमाल का है, 75 की उम्र में, हमलोग 50 की उम्र में इतनी एनर्जी में नहीं रहते हैं। विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि तकनीक को लेकर जो खुलापन है, जो इस उम्र में दुर्लभ है, वो युवाओं से बेहतर तकनीक की समझ रखते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि वैश्विक नेताओं के साथ पीएम मोदी के अच्छे संबंध हैं। उन्होंने ये भी कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर में काम हुआ है, अनुच्छेद-370 हटाने जैसे फैसले के लिए बहुत दम चाहिए, ये हर पीएम नहीं कर सकता।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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