राजस्थान पुलिस ने सोमवार (मार्च 25, 2019) को दिल्ली के एक 42 वर्षीय व्यक्ति मोहम्मद परवेज को पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) द्वारा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद, वह 2017 से ही न्यायिक हिरासत में था। अब उसे राज्य पुलिस ने आगे की पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
अधिकारी ने खुलासा किया कि मोहम्मद परवेज ने कथित तौर पर गोपनीय और रणनीतिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए नकली पहचान के माध्यम से भारतीय सेना के सैनिकों को फँसाया और पैसे लेकर उन्हें आईएसआई को भेज दिया।
पूछताछ के दौरान, परवेज ने खुलासा किया कि वह आईएसआई के अधिकारियों के संपर्क में था और पिछले 18 वर्षों में 17 बार पाकिस्तान की यात्रा की थी।
परवेज दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में त्वरित वीजा के लिए आया हुआ फोटो और पहचान पत्र की कॉपी पर मोबाइल सिम कार्ड प्राप्त कर लेता था। इन्हीं से वो जासूसी कार्यों को अंजाम देता था। गिरफ्तारी के बाद परवेज को जयपुर की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
पिछले साल, राजस्थान पुलिस ने एक सेना के जवान को जैसलमेर में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद पता चला कि वह सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी आईएसआई के गुर्गों के संपर्क में था।
कुछ महीने पहले, नागपुर में ब्रह्मोस के एक इंजीनियर निशांत अग्रवाल को कथित तौर पर जासूसी करने और उनके आईएसआई संचालकों को संवेदनशील सूचना देने के लिए गिरफ्तार किया गया था। तब भी पाकिस्तानी हैंडलर्स ने अग्रवाल को हनीट्रैप करने के लिए सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल किया था।
पिछले साल सितंबर में, उत्तर प्रदेश एटीएस की टीम ने एक बीएसएफ जवान, मध्य प्रदेश के रीवा जिले के निवासी अच्युतानंद मिश्रा को गिरफ्तार किया था, जो भारत की रक्षा तैयारियों के बारे में जानकारी साझा करने के लिए एक पत्रकार होने का दावा करने वाली महिला द्वारा हनी ट्रैप में फँसाया गया था।