पश्चिम बंगाल में मंगलवार (अगस्त 24, 2021) को 5 महिला टीचरों ने बिकाश भवन में बने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के हेडक्वार्टर के सामने जहर खाकर जान देने की कोशिश की।
पत्रकार अनिंद्य बनर्जी ने घटना से संबंधित एक वीडियो को अपने ट्विटर पर शेयर किया है। वीडियो में टीचरों को जहर पीने के बाद तड़पती अवस्था में देखा जाता है। उनका कहना है कि उन्हें पढ़ाने के बदले केवल 10 हजार रुपए दिए जाते हैं और इस राशि में गुजर-बसर करना काफी मुश्किल होता जा रहा है।
Caution: Disturbing Visuals
— Anindya (@AninBanerjee) August 25, 2021
Teachers in #WestBengal consumed poison to protest their transfer. One of them in this video claims, “We get Rs 10K/month. How can we survive after a transfer?” pic.twitter.com/drbXnwDrID
रिपोर्टों के अनुसार, टीचरों को बिधाननगर पुलिस ने परिसर में प्रवेश करने से मना किया था, जिसके बाद उन्होंने कीटनाशकों का सेवन किया। सभी टीचर्स को एनआरएस और आरजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया और बाद में उनके पेट से जहर निकालने की कोशिश की गई। मंगलवार शाम तक सभी की स्थिति स्थिर थी लेकिन फिर भी दर रात तक सबको देख-रेख में रखा गया।
जानकारी के मुताबिक, पाँचों महिला टीचरों की पहचान अनीमा नाथ, छोबी दास, शिखा दास, पुतुल मंडल, जोशुआ टुडु और मंदिरा सरदार के तौर पर हुई है। ये सभी शिक्षक ओइक्यो मुक्ता मंच की सदस्य थीं और शिशु शिक्षा केंद्र (एसएसके) और माध्यमिक शिक्षा केंद्र (एमएसके) के शिक्षकों की सैलरी में वृद्धि, सेवाओं के नियमितीकरण की माँग कर रही थीं। इसके अलावा इनकी एक डिमांड ये भी थी कि ऐसे ट्रांसफर आदेशों को रद्द किया जाए जिनके कारण उन्हें घर से दूर जाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
मंगलवार को ये सभी बिकाश भवन के सामने प्रोटेस्ट कर रही थीं कि तभी उनमें से 4 ने काला पदार्थ पी लिया और जमीन पर गिर गईं। इसके बाद उनके मुँह से झाग आने लगा। पार्श शिक्षक ओइक्यो मंच के संयुक्त संयोजक भगीरथ घोष ने कहा कि राज्य सरकार आंदोलन को नियंत्रित करने के लिए ‘तालिबानी रणनीति’ का इस्तेमाल कर रही है। उनकी माँग है कि इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप किया जाए।