पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले (SSC scam case) में सीबीआई ने 26 अगस्त 2022 को प्रसन्न कुमार रॉय को गिरफ्तार किया था। उसने इस घोटाले में बिचौलिए की भूमिका निभाई थी। वह ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी का करीबी रिश्तेदार है।
प्रसन्न को कोलकाता के न्यू टाउन इलाके से हिरासत में लिया गया था। कभी घरों की पुताई करने वाले प्रसन्न रॉय के दुबई, दार्जिलिंग, उत्तराखंड और पुरी में होटल बताए जाते हैं। उसके पास फॉर्म हाउस भी है। सीबीआई के सूत्रों की माने तो न्यू टाउन-राजघाट इलाके में उसके पास कई प्लॉट और फॉर्म हाउस हैं।
स्थानीय समाचारों के अनुसार प्रसन्ना कभी घरों की पुताई का काम करता था। बाद में उसने खुद का पेंटिंग का कारोबार शुरू किया। फिलवक्त भारत के कई जगहों सहित दुबई में उसके होटल हैं। कम से कम न्यू टाउन के आसपास उसकी पाँच प्रापर्टी है। नॉर्थ बंगाल में उसके नाम पर कई बीघा जमीन होने का भी सीबीआई को पता चला है। इन संपत्तियों को अर्जित करने में एसएससी स्कैम का पैसा लगा है या नहीं, इसकी पड़ताल भी एजेंसी कर रही है।
CBI arrests close relative of #ParthaChatterjee – once a HOUSE PAINTER, now owner of farm houses, hotels in DUBAIhttps://t.co/RX2JcN62Ns
— Zee News English (@ZeeNewsEnglish) August 27, 2022
इससे पहले एसएससी स्कैम में गिरफ्तार अर्पिता मुखर्जी के पास भी कई संपत्ति होने की बात सामने आई थी। अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया के एक घर से 27.90 करोड़ रुपए नकद और 6 किलोग्राम सोना ईडी ने बरामद किया था। वह पार्थ चटर्जी की करीबी रही है। ईडी की छापेमारी से यह बात सामने आई थी कि पार्थ चटर्जी के पास बड़ी संख्या में फ्लैट हैं। इनमें से कई उन्होंने अर्पिता मुखर्जी और मोनालिसा दास सहित अपने ‘करीबी सहयोगियों’ को उपहार में दिए थे। अर्पिता ने ईडी को बताया था कि पार्थ चटर्जी ने उनके फ्लैट का इस्तेमाल ‘मिनी बैंक’ के तौर पर किया था।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला, जिसे आमतौर पर एसएससी घोटाले के रूप में जाना जाता है, 2014-16 का है। एसएससी राज्यस्तरीय चयन परीक्षा (SLT) के माध्यम से आयोजित किया जाता है। राज्यस्तरीय चयन परीक्षा में शामिल कई उम्मीदवारों ने आरोप लगाया था कि कम अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों ने मेरिट सूची में उच्च रैंक प्राप्त किया। जो उम्मीदवार मेरिट सूची में नहीं थे, उन्हें भी नियुक्ति पत्र भेजा गया था। इसके अलावा वर्ष 2016 में पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तहत माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में समूह सी और समूह डी के कर्मचारियों की भर्ती के संबंध में भ्रष्टाचार के कई आरोप सामने आए थे। इस मामले में गिरफ्तारी के बाद पार्थ चटर्जी को टीएमसी से निलंबित कर दिया गया था।