भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष और भाजपा बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ हरियाणा के पहलवान एक बार फिर जंतर-मंतर पर बैठे हैं। इसके पहले वे जनवरी में भी इसी तरह धरने पर बैठे थे। तब एक समिति गठित की गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। रिपोर्ट पढ़ने के बाद पहलवान इसे अपने मनमाफिक ना पाकर फिर से धरने पर बैठ गए हैं।
इस मामले में केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर का बयान भी आया है। उन्होंने गुरुवार (27 अप्रैल 2023) को कहा, “हमने 12 घंटे तक पहलवानों को सुना। 14 बैठकें कीं और एक समिति बनाई। हम भी निष्पक्ष जाँच चाहते हैं। सभी को एक निरीक्षण समिति के समक्ष अपनी बात रखने का अवसर दिया गया। किसी भी थाने में प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है।”
उन्होंने आगे कहा, “समिति का प्रमुख निष्कर्ष निष्पक्ष चुनाव था। तब तक, एक तदर्थ समिति का गठन किया जाना चाहिए और एक आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाना चाहिए।” बता दें कि अगले महीने के पहले सप्ताह में WFI के अध्यक्ष पद का चुनाव होना था, लेकिन विवाद के बाद उसे टाल दिया गया है।
The major findings of the committee were impartial elections, till then, an ad-hoc committee must be formed and an internal complaint committee must be formed: Union Sports Minister Anurag Thakur speaks over Wrestlers' protest against WFI chief & BJP MP Brij Bhushan Sharan Singh
— ANI (@ANI) April 27, 2023
तीन महीने पहले पहलवानों ने फेडरेशन के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर महिला खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न तथा WFI के कुप्रबंधन का आरोप लगाकर जंतर-मंतर पर धरना दिया था। तब अनुराग ठाकुर ने इन पहलवानों की समस्याओं को सुनते हुए कई बैठकें की थीं। उन बैठकों के बाद ही मैरीकॉम की निगरानी में एक समिति बनाई गई थी।
गठित ओवरसाइट कमिटी ने खेल मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट दे दी। रिपोर्ट आने के बाद महिला पहलवानों ने उसे सार्वजनिक करने की माँग की थी। तब समिति ने कहा कि खिलाड़ी उस पूरी रिपोर्ट को पढ़ चुके हैं और उस पर अपना हस्ताक्षर भी किए हैं। इसके बाद पहलवान बबीता फोगाट ने आरोप लगाया था कि उन्होंने पूरी रिपोर्ट नहीं पढ़ी।
बबीता फोगाट ने कहा था कि पूर्व खेल प्रशासक राधिका श्रीमन ने उन्हें पूरी रिपोर्ट पढ़ने नहीं दी और उसे छिन लिया था। उधर बजरंग पूनिया ने आरोप लगाया था कि रिपोर्ट पर बबीता फोगाट से जबरन हस्ताक्षर करवाए गए थे। बजरंग पूनिया ने पहलवानों के साथ राजनीति होने का आरोप लगाया।
इस बीच पहलवानों के धरने को लेकर भारतीय ओलंपिक संघ (IOC) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। ओलंपिक संघ ने कहा कि धरना देकर पहलवान भारत की छवि को धूमिल कर रहे हैं। IOC ने पहलवानों को एथलीट कमीशन में आने के लिए कहा। IOC की अध्यक्ष पीटी उषा ने तो इसे अनुशासनहीनता कहा।
इस पर पहलवान साक्षी मलिक ने पीटी उषा पर ही सवाल दाग दिया। साक्षी मलिक ने गुरुवार (27 अप्रैल 2023) को कहा, “मैं पीटी उषा का सम्मान करती हूँ। उन्होंने हमें प्रेरित किया है, लेकिन मैं मैम से पूछना चाहती हूँ कि महिला पहलवानों ने आगे आकर उत्पीड़न का मुद्दा उठाया है। क्या अब हम विरोध भी नहीं कर सकते?
महिला पहलवानों का आरोप है कि कोई भी पुलिस स्टेशन बृजभूषण सिंह के खिलाफ FIR दर्ज नहीं कर रहा है। थाने के पुलिसकर्मी पहले इसकी जाँच करने की बात कह रहे हैं, फिर FIR की। इसके बाद महिला पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने की सहमति दी है।
इसी दौरान दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 7 महिला पहलवानों द्वारा WFI अध्यक्ष पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर FIR दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जाँच की जरूरत है। सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी सर्वोच्च अदालत में यही बात दोहराई।
हालाँकि, तुषार मेहता ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष यह भी कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि सीधे FIR दर्ज की जानी है तो ऐसा किया जा सकता है। इसी बीच राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा रेखा शर्मा ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है।
पत्र में NCW प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा, “हम मीडिया से बात नहीं कर रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि हम इसके बारे में कुछ नहीं कर रहे हैं। हमने दिल्ली पुलिस के आयुक्त को पत्र लिखकर कार्रवाई की रिपोर्ट माँगी है। हमने उनसे यह भी पूछा है कि उन्होंने प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की।”
बता दें कि WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाते हुए विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक जैसे पहलवान 23 अप्रैल 2023 से जंतर-मंतर पर फिर से बैठे हैं। पहलवानों ने जनवरी में भी धरना दिया था। बाद में सरकार के साथ बातचीत में वे समिति की गठन की सहमति पर धरना खत्म कर दिया था।