भारत में दो-दो कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है और इसके तहत पिछले 3 दिनों से टीकाकरण अभियान चल रहा है। इनमें से एक ‘भारत बायोटेक’ की कोवैक्सीन भी है। अब कंपनी ने बताया है कि किन लोगों को कोरोना वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए। ‘भारत बायोटेक’ ने एक फैक्टशीट जारी कर के समझाया है कि किन हालातों में ये वैक्सीन नहीं लेनी है। जैसे, अगर कोई व्यक्ति नियमित रूप से ऐसी दवाएँ ले रहा है जिसका सीधा असर उसके इम्यून सिस्टम पर पड़ रहा है, तो उसे ये वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।
या फिर जिन लोगों को एलर्जी है या वो किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें भी कोरोना वैक्सीन लेने से पहले अपने बारे में ये सारी जानकारी ज़रूर मुहैया करानी चाहिए। गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ नवजात को स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी कोरोना का टीका न लेने की सलाह दी गई है। इसके अलावा जिन्हें बुखार हो, उन्हें भी कोरोना वैक्सीन नहीं लेनी है। ऐसे लोगों को पहले मेडिकल सलाह लेनी चाहिए।
कंपनी ने लोगों को सलाह दी है कि वो कोरोना वैक्सीन लेने से पहले सुपरवाइजिंग अधिकारी को अपनी सारी बीमारियों और अपनी मेडिकल स्थिति से अवगत कराएँ। मसलन, क्या आप लम्बे समय से किसी बीमारी से पीड़ित हैं, कौन सी दवाएँ ले रहे हैं और कितने समय से। ऐसे मामलों में वैक्सीन न लेना ही बेहतर है। अगर आपका खून पतला है या फिर खून से जुड़ी कोई समस्या है तो भी कोरोना का टीका नहीं लेना है।
अंत में एक और ज़रूरी बात बताई गई है कि अगर आपने कोविड-19 का कोई अन्य वैक्सीन ले रखा है, तो फिर दूसरी कंपनी की वैक्सीन न लगवाएँ। जैसे, अगर आपने पहली डोज ‘भारत बायोटेक’ की ली है तो दूसरी डोज SII वाली वैक्सीन की नहीं ले सकते। एक ही वैक्सीन से दोनों डोज लेनी है। वैक्सीन की दूसरी डोज के बाद अगले 3 महीनों तक व्यक्ति की स्थिति फॉलो की जाएगी। उसके पूरे अपडेट लिए जाएँगे।
— suchitra ella (@SuchitraElla) January 16, 2021
जानकारी देते चलें कि सोमवार (जनवारी 18, 2021) को शाम 5 बजे तक पूरे देश में 3.81 लाख लोगों को कोरोना का टीका दिया जा चुका है। AEFI (एडवर्स इवेंट्स फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन) यानी साइड इफेक्ट्स के अब तक 580 मामले सामने आए हैं। हालाँकि, इनमें से अब तक मात्र 7 लोगों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की ज़रूरत पड़ी। जिन 2 लोगों की मौत को वैक्सीन से जोड़ा जा रहा है, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि इसके अन्य कारण हैं।
उधर दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में जहाँ मार्च से अब तक 5,96,904 कुल कोरोना पॉजिटिव केस मिले, वहीं प्रदेश में कोविड की रोकथाम के लिए लागू की गई रणनीति से सक्रिय केसों मे तेजी से गिरावट आई है। अब यूपी में कोरोना के 8,000 से भी कम सक्रिय कोरोना केस हैं और ये आँकड़ें लगातार गिरावट की ओर हैं। राज्य में संक्रमण के बाद स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर अब 97.70 प्रतिशत हो गई है।