दिल्ली से सटे गाजियाबाद में साहिबाबाद रेलवे स्टेशन के सामने स्थित नाले में मिली लावारिस लाश को लेकर नया खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लक्ष्मण यादव ने थाने में अपने मृतक भाई अर्जुन की पत्नी आशा एवं साले रजनीश और भाई की पत्नी के प्रेमी बब्बू खान के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में नया मोड़ तब आया जब मृतक के बच्चों ने परिजनों को अपने मामा, माँ और उसके प्रेमी के घिनौने कृत्य के बारे में बताया।
बच्चों ने बताया कि उनकी मम्मी ने पापा को खाने में बेहोशी की दवा मिलाकर दी थी। खाना खाने के बाद पापा बेहोश हो गए थे। उसके बाद माँ, मामा और एक अन्य शख्स ने मिलकर पापा की चुन्नी से गला घोंटकर हत्या कर दी। दूसरे शख्स की पहचान महिला के प्रेमी बब्बू खान के रूप में हुई है।
पुलिस को दी शिकायत में लक्ष्मण यादव ने बताया कि भाई का पता नहीं चलने पर 11 मार्च को अर्जुन की पत्नी आशा अपने तीनों बच्चों को लेकर बलिया जिले के गाँव टोला सिवान चली गई थी। इसके बाद आशा बच्चों को छोड़कर अपने भाई रजनीश के साथ घर से चली गई। लक्ष्मण यादव ने आगे बताया कि बच्चों ने बलिया स्थित घर पहुँचकर उन्हें बताया कि 20 फरवरी की रात खाने में बेहोशी की दवा मिलाकर आशा और उसके प्रेमी बब्बू खान व साले रजनीश ने चुन्नी से गला घोंटकर अर्जुन की हत्या कर दी थी। इसके बाद शव को साहिबाबाद स्थित नाले में फेंककर तीनों फरार हो गए थे।
पुलिस ने बताया कि उसे 24 फरवरी 2021 को साहिबाबाद रेलवे स्टेशन के सामने स्थित नाले में एक लावारिस शव मिला था। पुलिस ने बताया कि महिला से भी लाश की शिनाख्त कराई गई थी, लेकिन उसने शव को पहचानने से इनकार कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने उस शव को लावारिस मानकर उसका अंतिम संस्कार किया था। एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई जारी है। मृतक के बच्चों का डीएनए सैंपल लिया गया है।
गौरतलब है कि अर्जुन यादव (32) एक फैक्ट्री में मैकेनिक काम काम करता था। वह अपनी पत्नी आशा और तीन बच्चों के साथ साहिबाबाद में किराए का मकान लेकर रहता था। 21 फरवरी को लापता होने के बाद उसकी पत्नी की तरफ से लिंक रोड थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। दूसरी तरफ, 24 फरवरी को साहिबाबाद रेलवे स्टेशन के सामने नाले में एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था, जिसके हाथ-पैर चुन्नी से बंधे हुए थे। इसके बाद पुलिस ने अर्जुन यादव के परिजनों को बुलाकर शव की पहचान कराने का प्रयास किया। इस दौरान परिजनों ने शव को पहचानने से मना कर दिया था।