गुजरात में पदस्थापित एक डॉक्टर ने गुजरातियों का इलाज करने से मना कर दिया। यह हैरान कर देने वाली ख़बर नवसारी के बिलिमोरा में स्थित एक सरकारी अस्पताल से आई है। यहाँ की मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर स्मिता तिवारी ने स्थानीय मरीजों का इलाज करने से मना कर दिया। एक महिला अपने 10 वर्षीय बच्चे के साथ 1 घंटे तक डॉक्टर के केबिन के बाहर इन्तजार करती रहीं लेकिन स्मिता ने बुखार से पीड़ित उस बच्चे का इलाज नहीं किया।
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, बीमार बच्चे की माँ सारे केस पेपर्स के साथ इन्तजार करती रहीं। ऐसा नहीं था कि डॉक्टर तिवारी किसी अन्य मरीज को देख रही थीं या अस्पताल के कार्यों में व्यस्त थीं। जब बीमार बच्चे की माँ व अन्य महिलाओं ने उनकी केबिन में जाकर देखा तो वह फोन पर किसी से बात कर रही थीं। जब महिलाओं ने डॉक्टर तिवारी से मरीजों का इलाज करने का आग्रह किया, तब उन्होंने अजीबोगरीब जवाब दिया। डॉक्टर ने कहा,
“मैं यहाँ गुजरातियों का इलाज करने के लिए नहीं आई हूँ। मैं केवल यूपी-बिहार के मरीजों का ही इलाज करूँगी। तुम गुजरातियों ने मुझे और मेरे पिता को प्रताड़ित किया था।”
इतना कहने के बाद डॉक्टर स्मिता तिवारी से निवेदन करने आई सभी महिलाओं को अपने चैंबर से तुरंत बाहर चले जाने को कहा। घटना की सूचना मिलने पर बिलिमोरा नगरपालिका भाजपा अध्यक्ष मुकेश नाइक नगरपालिका की कुछ अन्य महिलाओं के साथ अस्पताल पहुँचे। डॉक्टर स्मिता तिवारी ने उन सभी के साथ दुर्व्यवहार किया। इसके बाद डॉक्टर तिवारी के ख़िलाफ़ जाँच बिठाई गई। जाँच समिति ने मरीजों व अस्पताल के कर्मचारियों से बातचीत कर डॉक्टर तिवारी के ख़िलाफ़ रिपोर्ट सौंपी।
दोषी पाए जाने के बाद डॉक्टर स्मिता तिवारी को छुट्टी पर भेज दिया गया है। अस्पताल के अन्य डॉक्टरों ने भी कहा कि वह ठीक से काम नहीं करती थीं और उनका व्यवहार भी अजीबोगरीब था।