ख़ुद को ग़ैर सरकारी संगठन (NGO) का सदस्य बताकर एक महिला अपने प्रेमी से मिलने तिहाड़ जेल में घुस गई। कथित तौर पर चार दिनों तक उनकी मीटिंग पाँच घंटे से अधिक समय तक चली। इस घटना से दक्षिण एशिया की इस सबसे बड़ी जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। जेल अधिकारियों ने उसके प्रमाण पत्रों को बिना ठीक से जाँचे उसे जेल में प्रवेश की अनुमति दी।
ख़बर के अनुसार, हत्या के एक मामले में महिला के प्रेमी को जेल हो गई थी। जेल में बंद शख्स ने तिहाड़ जेल के एक कर्मचारी के रूप में मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर महिला से दोस्ती की। वह पिछले कुछ महीनों से उसके संपर्क में था और जुलाई में 26 दिन की पैरोल पर उसे मिला था।
जेल में बंद शख़्स की पहचान हेमंत के रूप में हुई है, जो कि जेल नंबर-2 में बंद है और उसने उस महिला से शादी करने के लिए सहमति जताई थी। यहाँ तक कि उसने जेल परिसर के भीतर इंडियन बैंक की शाखा में एक बैंक खाता भी खोला, जिसमें महिला को नोमिनी बनाया था।
हेमंत के जेल जाने के बाद, महिला ने एक NGO के सदस्य के रूप में पेश होकर तिहाड़ अधिकारियों से संपर्क किया और हेमंत से मिलने की अनुमति माँगी। किसी भी जेल अधिकारी ने महिला के दस्तावेज़ों की उचित जाँच करने की ज़हमत नहीं उठाई।
धोखाधड़ी तब सामने आई जब जेल अधिकारियों ने NGO के अधिकारियों से महिला के नाम का उल्लेख किया। तब यह पाया गया कि वह जेल में कैदियों को कपड़े बाँटने का दावा करने के लिए दाखिल हुई थी।
तिहाड़ के प्रवक्ता AIG राज कुमार ने कहा कि इस संबंध में शिक़ायत दर्ज होने के बाद उन्होंने जाँच का आदेश दिया। जेल अधीक्षक और अन्य कर्मचारियों, जिन्होंने कथित रूप से मिलने की सुविधा प्रदान की उनसे पूछताछ जारी है।