दिल्ली पुलिस ने जंतर-जंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों का धरना खत्म करा दिया। पुलिस का कहना है कि तमाम अनुरोधों के बाद भी पहलवानों ने कानून का उल्लंघन किया। पहलवानों ने पुलिस द्वारा रखी गई शर्तों का पालन नहीं किया। इसलिए अब उन्हें जंतर-मंतर में प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं मिलेगी। यदि वह कहीं और धरना करना चाहते हैं तो इसकी अनुमति दी जा सकती है।
समाचार एजेंसी एनआईए से हुई बातचीत में दिल्ली पुलिस आयुक्त सुमन नलवा ने कहा है, “पहलवान बीते 38 दिनों से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे। दिल्ली पुलिस ने उन्हें वो सभी सुविधाएँ दीं हैं जो किसी भी सामान्य प्रदर्शनकारियों को नहीं दी जातीं। जनरेटर से लेकर तमाम तरह की सुविधाएँ पहलवानों को मुहैया कराई गईं। पहलवान लगातार धरना स्थल पर नहीं बैठ रहे थे, ये आते-जाते रहते थे। इनके शुभचिंतक वहाँ बैठे रहते थे।”
#WATCH | "We provided all possible facilities to the wrestlers protesting at Jantar Mantar for the past 38 days. But yesterday they violated the law despite all requests made to them…They were detained and released by the evening," says Suman Nalwa, Deputy Commissioner of… https://t.co/pBIXisKB4e pic.twitter.com/kTsaZk1X11
— ANI (@ANI) May 29, 2023
पुलिस आयुक्त ने कहा है कि 23 मई को हुए केंडल मार्च के लिए भी इन लोगों से लगातार बात की जा रही थी। पुलिस ने हाई सिक्योरिटी जोन के चलते वहाँ मार्च न निकालने के लिए कहा था। लेकिन पहलवान अपनी बात पर अड़े रहे। इसके बाद पुलिस ने वह भी करवाया। उन्होंने आगे कहा है कि 28 मई को नई पार्लियामेंट का उद्घाटन होना था। इसलिए वह दिन और समय बहुत महत्वपूर्ण था। इसलिए कानून व्यवस्था को देखते हुए कोई भी एजेंसी इस तरह के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दे सकती।
उन्होंने आगे कहा है कि पुलिस ने पहलवानों से बातचीत की। लेकिन उन्होंने कुछ भी सुनने से इनकार कर दिया। इजाजत नहीं मिलने के बाद भी जब पहलवानों और उनके समर्थकों ने संसद भवन की ओर जाने की कोशिश की तो उन्हें हिरासत में लेना पड़ा। महिला पुलिसकर्मियों ने महिला पहलवानों को हिरासत में लिया। उस दौरान इन लोगों ने लेटकर और अन्य तरीके से तमाशे किए। हिरासत में लेने के बाद शाम को इन्हें छोड़ दिया गया। सारी सुविधाएँ मिलने के बाद भी इन लोगों ने जिस तरह की हरकतें की हैं उसके बाद ही इन लोगों को हिरासत में लेना पड़ा।
#WATCH | "If the wrestlers give an application for sit-in protest again in future, they will be permitted for the same at a suitable place other than Jantar Mantar," says Suman Nalwa, Deputy Commissioner of Police, Delhi pic.twitter.com/I7U5DMMT8V
— ANI (@ANI) May 29, 2023
पुलिस आयुक्त सुमन नलवा ने आगे कहा है कि कानून व्यवस्था और सुरक्षा को लेकर पुलिस ने पहलवानों के सामने कई शर्तें रखीं थीं। इनमें से एक भी शर्त पहलवानों ने नहीं मानी है। इसलिए यदि वह किसी और जगह पर प्रदर्शन करने की अनुमति माँगते हैं तो उन्हें अनुमति दी जा सकती है। लेकिन जंतर-मंतर पर उन्हें बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बता दें कि रविवार (28 मई 2023) को पहलवान अपने समर्थकों सहित नए संसद भवन की ओर कूच कर रहे थे। इस दौरान, पहलवानों और पुलिस के बीच झड़प हुई। इसके बाद पुलिस ने पहलवानों को हिरासत में लेकर जंतर-मंतर में लगे तंबू हटा दिए। हालाँकि देर शाम पुलिस ने पहलवानों को छोड़ दिया। लेकिन दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों व धरने में शामिल आयोजकों के खिलाफ दंगा करने के आरोप समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया है।
दिल्ली पुलिस ने पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट समेत अन्य पहलवानों प्रदर्शन के आयोजकों व अन्य लोगों के खिलाफ IPC की धारा 147 (दंगा करना), धारा 149 (गैरकानूनी जमावड़ा), 186 (सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालना), 188 (सरकारी कर्मचारी के विधिवत आदेश की अवहेलना), 332 (सरकारी कर्मचारी के साथ हिंसा करना) और 353 (सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी से रोकने के लिए आपराधिक बल) तथा सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत FIR दर्ज की है।