शराबबंदी वाले बिहार में स्कूल शराबियों के अड्डे के रूप में उभर रहे हैं। इसी क्रम में दरभंगा के मनीगाछी प्रखंड के मकरंदा गाँव स्थित प्राथमिक स्कूल से दो शराबी पकड़े गए हैं। बताया जा रहा है कि स्कूल में शराब पीने का काम प्रधानाध्यापिका साजदा खातून और उसके शौहर मोहम्मद मुख्तार के संरक्षण में चल रहा था।
इस मामले का खुलासा वरीय उपसमाहर्ता पुष्पिता झा द्वारा विद्यालय का औचक निरीक्षण करने के बाद हुआ। बुधवार (16 नवंबर 2022) को झा स्कूल का निरीक्षण करने पहुँची थीं। जब उन्होंने स्कूल की पहली मंजिल पर बंद पड़े एक कमरे का ताला खुलवाया तो भौंचक रह गईं। कमरे में बैठकर 2 लोग शराब पी रहे थे। कमरे से शराब की बोतलें, सिगरेट, माचिस वगैरह बरामद हुए।
इस दौरान मौके का फायदा उठाकर दोनों शराबी भाग निकले। इनकी पहचान गाँव के ही प्रकाश सदाय और मिथिलेश सदाय के तौर पर हुई है। इस दौरान मुख्तार पर शराब की बोतलें छिपा देने का भी आरोप है। रिपोर्ट के अनुसार खातून क्लास रूम में शराबियों को भेजकर बाहर से ताला लगा देती थी। इसकी चाबी वह अपने पास ही रखती थी। शराबियों की सहूलियत के लिए कमरे में एक बिछावन भी लगा था।
वरीय उपसमाहर्ता ने निरीक्षण के बाद बीडीओ और बीईओ को प्रधानाध्यापिका को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इस स्कूल में पदस्थापित अन्य शिक्षकों का भी ब्यौरा माँगा है। दरभंगा के डीएम राजीव रौशन ने भी इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा है कि ऐसी घटनाएँ बर्दाश्त नहीं की जाएँगी।
वैसे यह पहला मामला नहीं है जब बिहार के स्कूल में शराब पीने की घटना हुई है। हाल ही में आरा से एक वीडियो सामने आया था जिसमें सरकारी स्कूल के भीतर बैठकर कुछ लोग आराम से दारू पार्टी करते नजर आए थे। सितंबर में वैशाली के एक सरकारी स्कूल से 150 कार्टून शराब बरामद हुआ था। इस स्कूल के एक कमरे का इस्तेमाल गोदाम के तौर पर शराब के अवैध धंधे में लगे लोग कर रहे थे।
गौरतलब है कि बिहार में एक तरफ स्कूल शराब के अड्डे बने हुए हैं। शिक्षकों की संलिप्तता सामने आ रही है। दूसरी तरफ इस साल की शुरुआत में राज्य सरकार ने शिक्षकों को यह जिम्मेदारी दी थी कि वे स्कूल परिसर या उसके आसपास शराब से जुड़ी कोई भी गतिविधि होने पर उसकी सूचना पुलिस को दें।