Monday, October 21, 2024

सद्गुरु के ईशा फाउंडेशन के खिलाफ केस बंद, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अपनी मर्जी से रह रहीं महिलाएँ

सुप्रीम कोर्ट ने सद्गुरु जग्गी वासुदेव के कोयम्बटूर स्थित ईशा फाउंडेशन आश्रम के खिलाफ डाली गई हैबियास कॉर्पस की याचिका को बंद कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन लड़कियों को यहाँ जबरदस्ती रखने का आरोप लगाया गया था उन्होंने स्पष्ट रूप से यह बात नकारी है और अपनी मर्जी से यहाँ रहने की बात की है।

इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने इस मामले में जाँच का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट से अलग राय रखी और कहा, “चूंकि दोनों ही वयस्क हैं और बंदी प्रत्यक्षीकरण का उद्देश्य पूरा हो चुका है, इसलिए आगे कोई निर्देश नहीं दिया जाएगा।”

ईशा फाउंडेशन के खिलाफ यह याचिका एक वरिष्ठ नागरिक ने डाली थी और आरोप लगाया था कि उनकी दो बेटियों को इस आश्रम में जबरदस्ती रखा गया है। उन्होंने दावा किया था कि यह आश्रम लोगो को जबरदस्ती संत बनाता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई भी मुकदमा लोगों या संस्थान का दुष्प्रचार करने लिए नहीं चलाया जा सकता।