रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला बताकर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर चौतरफा घिर गए हैं। बीजेपी ने इसे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा बताया है। वहीं अयोध्या के महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य ने चंद्रशेखर के जीभ काट कर लाने वाले को 10 करोड़ रुपए देने की बात कही है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा है, “बिहार के शिक्षा मंत्री कहते हैं कि रामचरितमानस नफरत फैलाने वाला ग्रन्थ है। कुछ दिन पहले जगदानंद सिंह ने राम जन्मभूमि को ‘नफरत की जमीन’ बताया था। यह संयोग नहीं यह वोट बैंक का उद्योग है। हिंदू आस्था पर करो चोट ताकि मिले वोट। SIMI और PFI की पैरवी की। हिंदू आस्था पर चोट क्या कार्यवाही होगी?”
बिहार के शिक्षा मंत्री “ रामचरितमानस नफ़रत फ़ैलाने वाला ग्रन्थ है”
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) January 11, 2023
कुछ दिन पहले जगदानंद सिंह ने राम जन्मभूमि को “नफ़रत की ज़मीन” बताया
यह संयोग नहीं यह वोट बैंक का उद्योग है
हिंदू आस्था पर करो चोट ताकि मिले वोट
SIMI और PFI की पैरवी,हिंदू आस्था पर चोट
क्या कार्यवाही होगी? https://t.co/NiUrJ0Yugt pic.twitter.com/S20ODPca8l
पूनावाला ने कहा है, “यह संयोग नहीं, वोट बैंक का सबसे घिनौना उद्योग है। कुछ दिन पहले राजद के बिहार अध्यक्ष ने राम जन्मभूमि को नफरत की जमीन बताया था। प्रभु श्रीराम को लेकर टिप्पणियाँ की थी। अब उन्हीं की देखादेखी बिहार के शिक्षा मंत्री और राजद नेता कहते हैं कि रामचरितमानस नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है। ये वही राजद है जिसे SIMI और PFI में कोई आतंकवादी नजर नहीं आता। ये वही इको सिस्टम है जो बार-बार हिन्दू आस्था पर चोट करता है। राजद नेता बार-बार हिन्दुओं का अपमान करते हैं। क्या राजद के नेता हालिया बयान पर माफी माँगेंगे।”
वहीं अयोध्या के महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य ने चंद्रशेखर के बयान पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने कहा है कि बिहार के शिक्षा मंत्री का बयान सनातनियों का घोर अपमान है। मैं माँग करता हूँ कि शिक्षा मंत्री को एक सप्ताह के अंदर उनके पद से हटाया जाए और उन्हें माफी माँगनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो मैं फिर बिहार के शिक्षा मंत्री का जीभ काट कर लाने वाले को 10 करोड़ रुपए का पुरस्कार दूँगा। साथ ही उन्होंने कहा कि रामचरितमानस तोड़ने वाला नहीं, जोड़ने वाला ग्रंथ है।
#WATCH मनुस्मृति को क्यों जलाया गया क्योंकि उसमें एक बड़े तबके के खिलाफ अनेको गालियां दी गई। रामचरितमानस का क्यों प्रतिरोध हुआ और किस अंश का प्रतिरोध हुआ?: रामचरितमानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, पटना pic.twitter.com/bW2pB8Eg3P
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 11, 2023
उल्लेखनीय है कि ‘नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी’ के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को समाज को बाँटने वाला ग्रंथ बता दिया था। उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस दलितों-पिछड़ों को शिक्षा ग्रहण करने से रोकता है। संबोधन के बाद मीडिया के सामने भी बिहार के शिक्षा मंत्री अपने बयान पर कायम नजर आए थे।