आम आदमी पार्टी के पास दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए फंड नहीं है। रविवार (24 नवंबर) को बुराड़ी की जनसभा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से चंदा देने की अपील की।
रैली को संबोधित करते हुए, केजरीवाल ने कहा, “हमने दिल्ली में पिछले पाँच वर्षों में बहुत काम किया है। आगामी चुनाव लड़ने के लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं। मैंने पिछले पाँच वर्षों में एक रुपया भी नहीं कमाया है।”
2019 के आम चुनावों से पहले, आम आदमी पार्टी को भारत के अलावा सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और ओमान में दान विज्ञापन चलाते हुए पकड़ा गया था।
बता दें कि आम आदमी पार्टी के अतीत में दान के साथ एक संदिग्ध संबंध रहा है। मई 2017 में यह आरोप लगाया गया था कि AAP ने हवाला लेनदेन के माध्यम से शेल कंपनियों से करोड़ों का फंड प्राप्त किया। इससे पहले, भ्रष्टाचार विरोधी अन्ना हज़ारे ने AAP प्रमुख को पार्टी द्वारा मिले दान पर सफाई देने के लिए पत्र लिखा था।
यह आरोप भी लगाया गया कि 2014 के आम चुनावों से पहले केजरीवाल को संदिग्ध चैनलों के माध्यम से पैसा मिला था। आप में रह चुके भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल के वाराणसी से 2014 के आम चुनावों के लिए अपना नामांकन दाखिल करने से एक हफ्ते पहले 5 अप्रैल, 2014 को चार शेल कंपनियों ने AAP के खाते में 2 करोड़ रुपए जमा किए थे। इन 4 कंपनियों में से 3 कंपनियों के डायरेक्टर हेम प्रकाश शर्मा थे। दिल्ली में जीके में किए गए प्रदर्शन के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) के छापे के दौरान 13 करोड़ रुपए की करेंसी बरामद हुई थी। इस कंपनी के निदेशकों में से एक हेम प्रकाश शर्मा भी हैं। कपिल मिश्रा ने केजरीवाल और हेम प्रकाश के बीच गहरे रिश्ते को भी उजागर किया था।
ख़बर के अनुसार, ऑपइंडिया ने जब रहस्यमय हेम प्रकाश शर्मा के बारे में पड़ताल की, तो पता चला कि आधिकारिक रिकॉर्ड यह बताते हैं कि जिन चार कंपनियों ने अप्रैल 2014 में AAP को दान दिया था, उनके पास दिखाने के लिए किसी लेन-देन का कोई रिकॉर्ड नहीं था। इन कंपनियों के तीन कॉमन डायरेक्टर हेम प्रकाश शर्मा, धर्मेन्द्र कुमार और मुकेश कुमार थे। रजिस्ट्रार हाउस में जो पता था उसके मुताबिक़ वहाँ एक डाकघर, एक किराने की दुकान जिसका शटर डाउन था और एक छोटा सिलाई कारखाना था। विवरण से, ऐसा पता चला था कि वो शेल कंपनियाँ थी।
इसके अलावा, डीएनए इन निदेशकों में से एक मुकेश कुमार को ट्रैक करने में सक्षम था, जिन्होंने इस बात से इनकार कर दिया था कि उन्होंने AAP को कभी कोई दान दिया था। उन्होंने इन कंपनियों के मालिक होने की बात स्वीकार की, जो केवल कागज पर मौजूद हैं, लेकिन AAP को दान देने से उन्होंने साफ़ इनकार कर दिया। डीएनए के अनुसार, जब उन्होंने आधिकारिक रिकॉर्ड में वर्णित हेम प्रकाश शर्मा के पते का दौरा किया, तो उन्हें वहाँ दो मंज़िला घर मिला। उसमें दीपिका शर्मा नाम की एक महिला अपने परिवार के साथ 60 के दशक से रह रही थी। उस महिला ने हेम प्रकाश शर्मा के बारे में कुछ भी पता होने से इनकार कर दिया।
अब सवाल यह उठता है कि फिर ये रहस्यमय पुरुष आख़िर है कौन? क्या वो काल्पनिक हैं? अगर हाँ, तो इन कार्यों का वित्तपोषण कौन कर रहा है? आख़िर अरविंद केजरीवाल, हमसे ऐसा क्या छिपा रहे हैं?
जब आम आदमी पार्टी भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में आई, तो यह भारत में राजनीतिक दलों के काम करने के तरीके को बदलने के वादे के साथ मैदान पर आई। इसने अपने कार्यों में पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता का वादा किया, और अधिकांश लोगों ने उनके इस वादे पर भरोसा भी किया। लेकिन इस पार्टी ने जो एक अभिनव का काम किया, वह यह था कि उसने अपनी वेबसाइट पर मिलने वाले दान की एक सूची प्रकाशित की, जिससे उसकी वित्तीय गतिविधियों की पारदर्शिता सबके सामने रहे।
वर्ष 2016 में, पार्टी ने अपनी वेबसाइट से इस दान सूची को हटा लिया। उस समय, सूची वाला वेबपेज अभी ‘under construction’ है और ‘New Version coming soon..’ जैसा मैसेज दिख रहा था। लेकिन वो New Version… कभी नहीं आया।
दान सूची को हटाने के लिए योगेंद्र यादव और अन्ना हजारे सहित कई लोगों से बातचीत की गई थी। पार्टी के पूर्व सदस्य यादव ने आरोप लगाया था कि पार्टी नकद चंदा इकट्ठा कर रही थी जो कि दर्ज नहीं था।
What a low !
— Ashwani Dubey (@AdvAshwaniDubey) November 24, 2019
Delhi Govt has crossed all limits.
Remember their earlier wastage of public money:
Samosa; Thali; Drink Party in the swearing in ceremony of Kumaraswamy.
A party which came in power promising corruption free govt, but failed everywhere https://t.co/vAZ5cPdf4l
इसके बाद पार्टी ने अपनी वेबसाइट पर अपने दान पृष्ठ को फिर से जारी किया, लेकिन उसमें एक बदलाव भी शामिल था। उन्होंने पृष्ठ के लिए वेबपेज का पता बदल दिया। पहले पेज का नाम donate.aamaadmiparty.org था, लेकिन बाद में उसे aamaadmiparty.org से बदल दिया।
पिछले साल नवंबर में, दिल्ली में ज़हरीले प्रदूषण की चपेट में आने के बाद केजरीवाल दुबई की निजी यात्रा पर गए थे। यह भी पता चला था कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी एक सप्ताह के लिए दुबई गए थे। केजरीवाल इससे पहले भी दुबई की यात्राएँ कर चुके हैं, जिसमें बिजनेस क्लास भी शामिल है।
इस बात का भी पता चला था कि सऊदी अरब स्थित भारतीय समुदाय आम आदमी पार्टी के प्रमुख समर्थकों में से एक है। पता चला था कि फरवरी 2015 में दिल्ली राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराने पर वहाँ उन्होंने जश्न मनाया था। इसके ठीक एक साल बाद, उन्होंने दिल्ली में AAP सरकार के एक साल पूरे होने पर भी वहाँ जश्न मनाया था।