दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज (25 अप्रैल, 2019) आम आदमी पार्टी का घोषणा-पत्र (मैनिफिस्टो) जारी कर दिया है। अपने मेनिफैस्टो में उनका सबसे पहला एजेंडा है केंद्र में मोदी-शाह की जोड़ी को सरकार बनाने से रोकना।
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal and Deputy Chief Minister Manish Sisodia release Aam Aadmi Party’s Delhi manifesto #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/G9sftox4yg
— ANI (@ANI) April 25, 2019
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा, “अगर मोदी सरकार सत्ता में लौटती है, तो इसके लिए ‘सिर्फ़ राहुल गाँधी’ जिम्मेदार होंगे”। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह कमज़ोर विपक्ष का होना है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि वो दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए लड़ेंगे। केजरीवाल के मुताबिक़ कॉन्ग्रेस ने पिछले बुधवार को अपना फैसला सुनाया, जिसके अनुसार वो दिल्ली के अलावा किसी अन्य राज्य में AAP के साथ सीट शेयर करने में कोई दिलचस्पी नहीं रखते।
AAP पार्टी ने वर्तमान परिस्थितियों पर एक दो-पृष्ठ का नोट भी जारी किया और अंतिम घोषणा की कि किसी भी तरह का कोई गठबंधन नहीं होगा। AAP मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने बताया कि वर्तमान में जो परिस्थितियाँ है, उन पर लेख तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर सत्ता में मोदी-शाह की वापसी होगी तो उसके लिए ‘केवल राहुल गाँधी’ ही ज़िम्मेदार होंगे। उन्होंने राहुल को यूपी, बंगाल, दिल्ली, हरियाणा, गोवा में विपक्ष के कमजोर करने का दोषी भी ठहराया।
AAP सुप्रीमो ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं की नाराज़गी के बावजूद लोकतंत्र को बचाने के लिए वो हर संभव प्रयास कर रहे हैं। AAP पार्टी अनिवार्य रूप से कॉन्ग्रेस के भ्रष्टाचार से लड़ते हुए शुरू हुई थी। हम एक समय में कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन का सपना भी नहीं देख सकते थे। लेकिन देश में मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, हमने एक तरह के टाई-अप के लिए कॉन्ग्रेस से संपर्क किया। केजरीवाल ने कहा कि हमने कॉन्ग्रेस को समझाया कि मोदी-शाह को हराना क्यों महत्वपूर्ण है। और हमने सभी प्रयास किए। लेकिन वे हमारी बातों पर कोई रुचि नहीं ले रहे हैं।
कॉन्ग्रेस पर पलटवार करने का आरोप लगाते हुए केजरीवाल ने कहा कि पिछले मंगलवार को कॉन्ग्रेस के गुलाम नबी आज़ाद ने पार्टी के फैसले से अवगत कराया कि वो दिल्ली और हरियाणा में गठबंधन के लिए तैयार हैं, लेकिन एक दिन के भीतर ही वो इससे मुकर गए। जानकारी के मुताबिक़, पिछले मंगलवार को लगभग 11 बजे, AAP राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गुलाम नबी आज़ाद द्वारा उनके स्थान पर बुलाया गया था। उन्होंने कहा कि वो AAP के साथ दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ में गठबंधन करेंगे। संजय सिंह इस पर मान गए थे। इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि अगले दिन एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इसकी घोषणा कर दी जाएगी।
केजरीवाल ने कहा, “अगले दिन, हम इंतज़ार करते रहे। उन्होंने कुछ शर्तों को बदलते हुए शाम को हमें फोन किया। हमने नई शर्तों को भी स्वीकार कर लिया। लेकिन वो अपनी बातों से मुकर गए।”
दिल्ली के सीएम पर ‘यू-टर्न’ लेने का आरोप लगाने वाले राहुल गाँधी के ट्वीट का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा, “मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि दुनिया में ट्विटर पर कहाँ-कहाँ गठबंधन हुए हैं।”
केजरीवाल ने कॉन्ग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा, “मैं उन सभी लोगों से अपील करता हूँ जो मोदी को पराजित देखना चाहते हैं, वो मतों को विभाजित न होने दें। कॉन्ग्रेस को हिन्दू वोट नहीं मिल रहे हैं। मुस्लिमों में भ्रम की स्थिति है। कॉन्ग्रेस देश भर में भाजपा-विरोधी गठबंधन को नुकसान पहुँचा रही है।”
इसके अलावा सीएम केजरीवाल ने कहा कि अगर कॉन्ग्रेस जीतने की स्थिति में होती, तो मैं सभी सात सीटें कॉन्ग्रेस को दे देता। इसलिए दिल्ली-विशेष गठबंधन का कोई मतलब नहीं है क्योंकि आज हम सभी सात सीटों पर भाजपा को हराने की स्थिति में हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली लोकसभा के AAP पार्टी के सभी सात उम्मीदवार भी शामिल थे।