गुजरात पुलिस ने नर्मदा जिले में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक चैतर वसावा सहित कुछ अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। यह FIR वन विभाग द्वारा दी गई शिकायत पर दर्ज हुई है। डेडियापाड़ा से AAP विधायक पर वन विभाग के एक कर्मचारी को अपने घर बुलाकर मारने-पीटने के अलावा जान से मारने की भी धमकी देने का आरोप है। पुलिस ने अब तक विधायक की पत्नी, निजी सचिव सहित एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है। चैतर वसावा फिलहाल फोन बंदकर के फरार हैं।
नर्मदा जिले के पुलिस अधीक्षक प्रशांत सुंबे ने इस मामले की विस्तार से जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि डेडियापाड़ा के एक गाँव में कुछ किसानों ने वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर लिया था। इन अवैध कब्जेदारों को वन विभाग के कर्मियों ने 29 अक्टूबर को हटवा दिया। अवैध कब्ज़ा हटाए जाने की जानकारी APP के विधायक चैतर वसावा को हुई तो उन्होंने किसानों से बात करके पूरी जानकारी ली। मामले की जानकारी लेकर विधायक चैतर ने 30 अक्टूबर 2023 को वन विभाग के कर्मचारियों को अपने घर बुलाया।
पुलिस अधीक्षक ने आगे बताया कि आप विधायक ने न सिर्फ वनकर्मियों के साथ मारपीट की, बल्कि कब्जा मुक्त करवाई गई जमीन के बदले पैसे देने का फरमान सुना दिया। ऐसा नहीं करने पर उन्होंने वन विभाग के स्टाफ को जान से मार डालने की भी धमकी दी। पुलिस अधिकारी का यह भी दावा है कि इस दौरान विधायक ने हवाई फायरिंग भी की। पिटाई के बाद लौटे वनकर्मियों को अगले दिन विधायक के निजी सचिव ने फोन कर के एक किसान को जबरन पैसे भी दिलवाए।
आखिरकार पीड़ित वनकर्मियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने FIR दर्ज कर के विधायक, उनकी बीवी, निजी सचिव के साथ एक किसान को भी नामजद किया है। इन सभी पर दंगा करने, सरकारी कर्मचारी पर हमला करने, जबरन वसूली (फिरौती) और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत कार्रवाई हुई है। अब तक विधायक की पत्नी शकुंतला बेन, पीए जीतेन्द्रभाई के साथ किसान रमेशभाई को गिरफ्तार कर लिया गया है।
आरोपित विधायक अंडरग्राउंड हैं। चैतर वसावा का फोन भी स्विच ऑफ आ रहा है। गुजरात पुलिस उनकी तलाश में छापेमारी कर रही है। पुलिस ने आरोपित MLA की जल्द गिरफ्तारी होने की आशा जताई है। मामले में आगे की जाँच की जा रही है। बताते चलें कि नियानुसार वन विभाग की जमीन पर सरकार की अनुमति के बिना किसी भी तरह की खेती नहीं की जा सकती। पहले से सूचना देने के बावजूद नर्मदा के किसानों ने वहाँ फसल उगाई जिसके चलते मजबूरन वन विभाग को कार्रवाई करनी पड़ी थी।