आम आदमी पार्टी (AAP) ने आतिशी को 17 सितंबर 2024 को विधायक दल का नेता चुना। वे अरविंद केजरीवाल की जगह लेंगी। दिल्ली शराब घोटाले में जमानत पर बाहर आए केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा (Arvind Kejriwal Resignation) दे दिया है। इसके बाद से ही दिल्ली की नई सीएम (Delhi CM) बनने जा रहीं आतिशी (Atishi Marlena) विवादों में हैं।
आप की ही राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने आतिशी के माता-पिता पर एसएआर गिलानी (Syed Abdul Rahman Geelani) से गहरे संबंध रखने के आरोप लगाए हैं। कहा है कि अफजल गुरु के समर्थन में दिल्ली के प्रेस क्लब में हुए कार्यक्रम के मंच पर आतिशी के माता-पिता भी मौजूद थे।
X पर किए गए पोस्ट में मालीवाल ने लिखा है, “आतिशी मर्लेना के माता-पिता के एसएआर गिलानी के साथ गहरे संबंध थे। गिलानी ने 2016 में अफजल गुरु की याद में दिल्ली के प्रेस क्लब में एक प्रोग्राम किया था। उस प्रोग्राम में आतिशी मर्लेना के माता-पिता स्टेज पर गिलानी के साथ थे। इस प्रोग्राम में नारे लगाए गए थे- एक अफजल मारोगे तो लाखों पैदा होंगे, कश्मीर माँगे आजादी। आतिशी मर्लेना के माता-पिता ने ‘अरेस्ट एंड टॉर्चर आफ सैयद गिलानी (Arrest and torture of Syed Geelani)’ नाम से लेख लिखे हैं। भगवान दिल्ली की रक्षा करें!”
आतिशी मर्लेना के माता पिता के SAR Geelani के साथ गहरे संबंध थे।
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) September 18, 2024
गिलानी पे आरोप थे कि संसद पे हमले में उनका भी हाथ था। 2016 में उन्होंने अफ़ज़ल गुरु की याद में दिल्ली के प्रेस क्लब में एक प्रोग्राम किया था। उस प्रोग्राम में आतिशी मर्लेना के माता पिता स्टेज पे गिलानी के साथ थे।… pic.twitter.com/BWmUN7fMJd
गौरतलब है कि एसएआर गिलानी का 2019 में इंतकाल हो चुका है। वह दिल्ली यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर था। 2001 में भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले में उसका नाम आया था। उसे निचली अदालत ने फाँसी की सजा भी सुनाई थी। लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया था। स्वाति मालीवाल ने दिल्ली प्रेस क्लब के जिस कार्यक्रम का जिक्र किया है, उसका आयोजन साल 2016 में हुआ था। इसके बाद भी गिलानी पर देशद्रोह का केस दर्ज किया गया था।
गिलानी ने आतंकी अफजल गुरु का शव उसके परिवार को सौंपने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की थी। अफजल को संसद हमले में फाँसी हुई थी। आतिशी के माता-पिता विजय सिंह और तृप्ता वाही भी DU में प्रोफेसर हैं। इन दोनों ने भी अफजल गुरु को फाँसी से बचाने की लड़ाई लड़ी थी।
दिल्ली की अगली सीएम के तौर पर आतिशी का चुनाव होने के बाद भी स्वाति मालीवाल ने X पर एक पोस्ट में कहा था, “दिल्ली की मुख्यमंत्री एक ऐसी महिला को बनाया जा रहा है, जिनके परिवार ने आतंकवादी अफजल गुरु को फाँसी से बचाने की लंबी लड़ाई लड़ी। उनके माता-पिता ने आतंकी अफजल गुरु को बचाने के लिए माननीय राष्ट्रपति को दया याचिकाएँ लिखी। उनके हिसाब से अफजल गुरु निर्दोष था और उसको राजनीतिक साजिश के तहत फँसाया गया था। वैसे तो आतिशी मार्लेना सिर्फ ‘Dummy CM’ है, फिर भी ये मुद्दा देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। भगवान दिल्ली की रक्षा करें!”
दिल्ली के लिए आज बहुत दुखद दिन है। आज दिल्ली की मुख्यमंत्री एक ऐसी महिला को बनाया जा रहा है जिनके परिवार ने आतंकवादी अफ़ज़ल गुरु को फांसी से बचाने की लंबी लड़ाई लड़ी।
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) September 17, 2024
उनके माता पिता ने आतंकी अफ़ज़ल गुरु को बचाने के लिए माननीय राष्ट्रपति को दया याचिकाऐं लिखी।
उनके हिसाब से… pic.twitter.com/SbllONqVP0
अफजल गुरु को बचाने के लिए अपने माता-पिता की सक्रियता को आतिशी पूर्व में स्वीकार कर चुकी हैं। 2019 में अमर उजाला को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “माँ-बाप के किसी राजनैतिक कदम के बारे में मैं जिम्मेदार नहीं हूँ। उसकी जिम्मेदारी और जवाबदेही उनकी है और वे अपनी बात कहने के लिए पूरी तरह सक्षम भी हैं। मैं अपनी बात कह सकती हूँ कि मैं उस कदम के समर्थन में नहीं थी।”
आपको बता दें कि आतिशी पुरानी वामपंथन हैं। विदेशों में भी वे भारत की छवि धूमिल करने के प्रयासों में शामिल रहीं हैं। दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने में भी उनका योगदान माना जाता है। इतना ही नहीं प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट को बताया था कि दिल्ली शराब घोटाले की पूछताछ में केजरीवाल ने आतिशी का भी नाम लिया था।