असम में पहली बार एक महिला वित्त मंत्री चुनी गई है। नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अपनी सरकार में वित्त विभाग 5 बार गोलाघाट से विधायक रह चुकी अजंता निओग को सौंपा। यह विभाग पिछली बार खुद हिमंता बिस्वा सरमा ने सर्बानंद सोनोवाल की सरकार में सँभाला था।
वित्त विभाग में पदभार सँभालने के बाद, निओग ने कहा कि मुख्यमंत्री सरमा ने सोमवार को शपथ लेने के बाद घोषणा की थी कि नई सरकार का लक्ष्य असम को अगले पाँच वर्षों में भारत के शीर्ष पाँच राज्यों में से एक बनाना है, और वह लक्ष्य के अनुसार काम करेंगी और योजना बनाएँगी। उन्होंने कहा कि सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में सरमा वित्त मंत्री थे और उन्होंने असम की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बहुत कुछ किया।
निओग ने मीडिया से कहा, “सरमा ने वित्त विभाग में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और राज्य के राजस्व में वृद्धि की। इसलिए, राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए उनके कार्यों को आगे बढ़ाने की मेरी जिम्मेदारी है।”
वित्त मंत्री के नए प्रभार से काफी उत्साहित है निओग
वित्त मंत्री के प्रभार के लिए चुने जाने के बाद निओग ने बताया कि ये उनके लिए ये बहुत ही हर्ष और गर्व की बात है। माननीय मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए उन्होंने बताया कि वो इसके लिए बहुत शुक्रगुज़ार हैं। पदभार सँभालने के बाद उन्होनें ये भी बताया की अभी उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है कोविड-19 की इस महामारी को सँभालना है।
असम की वित्त मंत्री चुने जाने पर आलोचकों ने उठाए प्रश्न
अजंता निओग के निर्वाचन पर कई लोगों ने सवाल उठाते हुए इसे गलत ठहराया है क्योंकि उनके अनुसार उनको वित्त विभाग में ज़्यादा अनुभव नहीं है। अपने आलोचकों के लिए उन्होनें बोला की वो पहले पब्लिक वर्क्स विभाग में काम कर चुकी है और इससे उन्हें वित्त विभाग के लिए बेसिक समझ और ज्ञान प्राप्त हो चुका है। निओग ने कहा कि उन्हें यकीन है कि आगे वो काम करते हुए और भी काफी कुछ सीख जाएँगी।
असम की पहली महिला वित्त मंत्री है लॉ ग्रेजुएट
46 वर्षीय अजंता निओग ने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से लॉ में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की हैं। 1996 में उनके पति नागेन निओग की यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ़ असम (ULFA) द्वारा हत्या कर दी गई थी। इसके पश्चात भूतपूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने उन्हें राजनीति में आने का मौका दिया। तरुण गोगोई की सरकार में भी वो पब्लिक वर्क्स विभाग को भी सँभाल चुकी हैं। पिछली तरुण गोगोई के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार में एक प्रभावशाली मंत्री (2001-2016), निओग ने सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल होने के लिए मार्च-अप्रैल विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी छोड़ दी थी।
5 बार असम से विधायक रह चुकी है अजंता निओग
अजंता निओग गोलाघाट से ही 5 बार विधानसभा चुनाव जीत चुकी हैं। 2001 में पहली बार उन्होंने विधानसभा में चुनाव लड़े थे और अपने विपक्षी उमीदवार को करीब 1000 मतों से परास्त किया था। उसके बाद से अब तक उन्होनें हर बार गोलाघाट से चुनाव जीते हैं और अब सबसे लम्बे समय से असम की महिला विधायक होने का गौरव भी उन्हें प्राप्त है। दिसंबर 2020 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) ज्वाइन की और अभी हाल ही में असम में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में उन्होंने कॉन्ग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बिटूपन सैकिया को 9,325 मतों के अंतर से हराया।