महाभारत युद्ध में वर्णित घटोत्कच और बभ्रुवाहन को केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर-पूर्व से संबंधित बताया है। गुवाहाटी में नॉर्थ ईस्ट काउंसिल (एनईसी) के 68वें पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। केंद्रीय गृह मंत्री बनने के बाद शाह का नॉर्थ-ईस्ट का यह पहला दौरा है। वे ऐसे वक्त में असम पहुॅंचे हैं जब 31 अगस्त को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की रिपोर्ट जारी की गई है।
एनईसी को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने भगवान श्री कृष्ण और पांडव अर्जुन का संबंध भी उत्तर-पूर्व से जोड़ा। कहा कि अर्जुन की शादी भी यही मणिपुर में हुई थी। श्री कृष्ण के पोते का विवाह भी नॉर्थ ईस्ट मे हुआ था। साथ ही शाह ने उत्तर-पूर्व के लोगों को आश्वस्त किया कि उनकी विशिष्ट संस्कृति के संरक्षण के लिए बने संविधान के अनुच्छेद 371 का भाजपा सरकार सम्मान करती है और उसके साथ वह छेड़छाड़ नहीं करेगी।
Union Home Min Amit Shah at 68th Plenary Session of North Eastern Council, in Guwahati: Mahabharat ke yudh ke andar, Babruvahan ho ya Ghatotkach ho,dono Northeast ke the. Arjun ki shadi bhi yahin Manipur mein hui thi.Sri Krishna ke pote ka vyaah bhi Northeast mein hua tha.#Assam pic.twitter.com/7KnGPYhthV
— ANI (@ANI) September 8, 2019
प्राज्ञज्योतिषपुर में हुई थी घटोत्कच की शादी
महाभारत और स्कन्द पुराण के अनुसार पांडव भीम के बेटे घटोत्कच का विवाह भगवान श्री कृष्ण ने अपने हाथों मारे गए प्राज्ञज्योतिषपुर (महाभारत काल में असम का नाम) के राजा नरकासुर की बेटी मौरवी/अहिलावती के साथ तय किया था। इसी तरह महाभारत में अर्जुन के पांडवों को मिले वनवास के समय मणिपुर की राजकुमारी चित्रांगदा से विवाह करने का भी ज़िक्र है। शाह इन्हीं का उल्लेख कर रहे थे। इसके अलावा भगवान श्री कृष्ण के पोते प्रद्युम्न ने भी असम के शासक बाणासुर की बेटी उषा से विवाह किया था।
‘371 का करते हैं हम सम्मान’
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के बाद से उत्तर-पूर्व की विशिष्ट संस्कृति के संरक्षण के लिए बने संविधान के अनुच्छेद 371 के भविष्य पर भी कुछ लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया था। यह अनुच्छेद भी उत्तर-पूर्व के राज्यों की विधानसभाओं को राष्ट्रीय संविधान में हुए संशोधनों को लागू करने के बारे में विवेकाधिकार देता है, लेकिन अधिकांश मामलों में यह 370 की तरह व्यापक नहीं, बल्कि केवल स्थानीय संस्कृति को सीधे-सीधे प्रभावित करने वाले विषयों तक ही सीमित है। इसलिए शाह ने भरोसा दिलाया कि इन प्रावधानों के साथ छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
Union Home Minister Amit Shah at the 68th Plenary Session of North Eastern Council, in Guwahati: Article 371 of the Indian Constitution is a special provision. BJP government respects Article 371 & will not alter it in any way. #Assam pic.twitter.com/Bkbn6824Wf
— ANI (@ANI) September 8, 2019