Monday, September 30, 2024
Homeराजनीतिअपनी बिगड़ी तबीयत पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आए मल्लिकार्जुन खड़गे, अमित...

अपनी बिगड़ी तबीयत पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आए मल्लिकार्जुन खड़गे, अमित शाह ने कर दिया उपचार: कहा- यह PM मोदी से कॉन्ग्रेस की नफरत और डर का प्रदर्शन

कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी कहते हुए कहा था कि जब तक मोदी सत्ता में हैं, वह न तो चैन से बैठेंगे और न मरेंगे।

कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जम्मू-कश्मीर की एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखी टिप्पणी की थी, जिसपर गृह मंत्री अमित शाह कड़ा जवाब दिया है। खड़गे का बयान, जिसमें उन्होंने कहा कि जब तक मोदी सत्ता में हैं, वह मरेंगे नहीं, ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। इस बयान पर गृह मंत्री अमित शाह ने प्रतिक्रिया देते हुए खड़गे के शब्दों को ‘अपमानजनक’ करार दिया।

अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (जो पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर खड़गे के बयान की आलोचना करते हुए लिखा, “कल (29 सितंबर 2024) कॉन्ग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे जी ने अपने भाषण में खुद, अपने नेताओं और अपनी पार्टी को शर्मिंदा कर दिया। अपनी कड़वाहट दिखाते हुए, उन्होंने बिना किसी वजह के प्रधानमंत्री मोदी को अपने निजी स्वास्थ्य के मामले में घसीटते हुए कहा कि वह तभी मरेंगे जब मोदी सत्ता से हटेंगे। यह दिखाता है कि इन कॉन्ग्रेस नेताओं के दिलों में मोदी जी के लिए कितनी नफरत और डर भरा हुआ है, वे हर समय उनके बारे में सोचते रहते हैं।”

‘PM मोदी आपके दीर्घायु की प्रार्थना करते हैं’

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार किसी के स्वास्थ्य के मुद्दे पर राजनीति नहीं करती। उन्होंने खड़गे के स्वास्थ्य को लेकर कहा, “जहाँ तक कॉन्ग्रेस अध्यक्ष के स्वास्थ्य की बात है, पीएम मोदी प्रार्थना करते हैं, मैं भी प्रार्थना करता हूँ कि खड़गे दीर्घायु हों और स्वस्थ रहें।” शाह ने यह भी कहा कि खड़गे को 2047 तक विकसित भारत का निर्माण होते देखना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह स्वस्थ रहें।

उम्र का हवाला देते हुए कही थी बड़ी बात

29 सितंबर को कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जम्मू-कश्मीर के बिलावर में एक रैली के दौरान आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते वक्त भावुक हो गए थे। उन्होंने कहा था, “हम कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए लड़ेंगे। मैं 83 साल का हूँ, लेकिन जब तक प्रधानमंत्री मोदी सत्ता में हैं और भाजपा देश पर शासन कर रही है, मैं न तो चैन से बैठूँगा और न ही मरूँगा।” यह बयान उस समय दिया गया जब खड़गे शहीद जवानों के प्रति सम्मान व्यक्त कर रहे थे और वह खुद भी इस दौरान भावुक हो गए थे। कुछ पल के लिए उन्हें असहजता महसूस हुई, लेकिन उन्होंने जल्दी ही खुद को संभाल लिया और अपने भाषण को जारी रखा।

प्रधानमंत्री ने फोन पूछी थी खड़गे की तबियत

इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खड़गे को फोन कर उनका स्वास्थ्य जाना था। खड़गे की तबीयत जम्मू-कश्मीर के बिलावर में आयोजित चुनावी सभा के दौरान अचानक बिगड़ गई थी। इस दौरान पीएम मोदी ने खड़गे के स्वास्थ्य के प्रति चिंता जताई और उनसे फोन पर बातचीत की।

यह घटनाक्रम राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील हो गया है। एक ओर खड़गे का बयान, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की सरकार पर तीखे हमले किए, तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री का उनके स्वास्थ्य के प्रति चिंता जताना, दोनों ही घटनाओं ने मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा बटोरी। अमित शाह ने भी खड़गे के बयान का जवाब देकर यह साफ कर दिया कि भाजपा इस प्रकार के व्यक्तिगत हमलों को गंभीरता से लेती है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

2014: 222 हमले, 2024: 15 हमले… मोदी राज में आतंकवाद की टूटी कमर, जम्मू-कश्मीर में जवान हों या आम आदमी जानमाल का नुकसान 90%...

पिछले एक दशक में जम्मू-कश्मीर में कई गुना कम हुआ है आतंकवाद। सुरक्षा बलों व आम नागरिकों के नुकसान का भी आँकड़ा भी घट गया है।

किसी के लिए ‘परोपकारी’, किसी के लिए ‘करिश्माई’: जो नसरल्लाह मरा वह आतंकी संगठन हिज्बुल्लाह का सरगना था, पर ‘सम्मानित’ बता मातम मना रहा...

हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत पर वामपंथी मीडिया को उतना ही दुख है जितना उन्हें कभी बगदादी और लादेन की मौत पर हुआ था और उन्होंने उनके लिए संवेदना बटोरने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -