पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की मौत के बाद उनके परिवार ने उनको मिलने वाली पेंशन दान कर करने का फैसला किया है। उनकी पत्नी संगीता जेटली ने इस संबंध में उपराष्ट्रपति एम वैंकया नायडू को चिट्ठी भी लिखी हैं। उन्होंने इस चिट्ठी में दिवंगत अरुण जेटली की पेंशन उन लोगों को दान करने को कही है जिनकी सैलरी कम हैं। बताया जा रहा है कि इस निर्णय के बाद उनकी पेंशन राज्यसभा के उन कर्मचारियों में बाँटी जा सकती है, जिनका वेतन कम है। इस पत्र की एक प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेजी गई है। यहाँ बता दें कि पेंशन के रूप में परिवार को सालाना करीब 3 लाख रुपए मिलते।
संगीता जेटली ने वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर कहा, “जिस महान कार्य को अरुण किया करते थे उनके उसी मार्ग पर चलते हुए मैं संसद से अनुरोध करती हूँ कि एक दिवंगत सांसद के परिवार को मिलने वाली पेंशन को उस संस्थान के जरुरतमंद लोगों को दान कर दिया जाए जिसकी जेटली ने दो दशकों तक सेवा की है। यानी राज्यसभा के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को दी जाए। मुझे पूरा विश्वास है कि अरुण की भी यही इच्छा होती।”
#Breaking | Former Finance Minister Late Arun Jaitley’s family has set a new benchmark.
— TIMES NOW (@TimesNow) September 30, 2019
They have offered Arun Jaitley’s pension for the welfare of Class IV Rajya Sabha staff.
More details by TIMES NOW’s Aditi A. Listen in. pic.twitter.com/PJsfExQ3CA
अरुण जेटली के परिवार में उनकी पत्नी संगीता जेटली के अलावा बेटी सोनाली और बेटा रोहन हैं। पूर्व वित्त मंत्री के बेटी-बेटा उनकी तरह ही वकील हैं। 24 अगस्त को दिल्ली के एम्स में लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया था। वह काफी समय से आइसीयू में भर्ती थे। अपने जीवन काल में उनके पास वित्त मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेदारी थी, लेकिन साल 2019 के चुनाव में उन्होंने चुनावों से दूर रहने का फैसला किया था। वह राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और चार बार सदस्य भी चुने जा चुके थे।
Arun Jaitley’s Wife Writes to Vice President, Wants Pension to be Disbursed to ‘Most Needy’ Employees of Rajya Sabha | Read full report #ArunJaitley #RajyaSabha #VenkaiahNaidu @MVenkaiahNaidu https://t.co/G5n9KtSs2f
— LatestLY (@latestly) October 1, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी करीबियाँ किसी से छिपी नहीं थी। उनके जाने के बाद प्रधानमंत्री ने सबके सामने भरे मन से उन्हें अपना अमूल्य मित्र बताया था। जेटली एक ऐसे नेता थे, जिनके पक्ष और विपक्ष दोनों में मित्र थे। जिसके कारण ही उनकी पत्नी ने वैंकया नायडू को लिखे पत्र में लिखा, “अरुण हमेशा से एक परोपकारी रहे हैं। अपने कानूनी पेशे या राजनीति में उन्होंने जो भी सफलता हासिल की उनका मानना था कि यह उन्हें गुरु, सहयोगियों के समर्थन और दोस्तों, रिश्तेदारों की शुभकामनाओं के कारण मिली है। वह हमेशा जरुरत के समय हर किसी की मदद के लिए खड़े रहे।”
In the letter, Sangeeta Jaitley has also asked that the pension due to be offered to Class IV Rajya Sabha staff. Arun Jaitley’s family stated former finance minister’s “philanthropist past” as the ground for refusing the pension amount.https://t.co/dQ9kuBaDF8
— Ritam | ऋतम् (@TheRitamApp) October 1, 2019