Sunday, November 17, 2024
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केजरीवाल और ध्रुव राठी को होना पड़ेगा पेश: कोर्ट ने मानहानि मामले में समन जारी करने के ख़िलाफ़ याचिका ख़ारिज की

मानहानि का मामला AAP समर्थक ब्लॉगर ध्रुव राठी द्वारा अपलोड किए गए एक निंदनीय वीडियो से संबंधित है, जिसमें उन्होंने कहा था कि विकास पांडे बीजेपी आईटी सेल के सक्रिय सदस्य हैं और उन्होंने महावीर प्रसाद को 50 लाख रुपए की रिश्वत देने की पेशकश की थी।

पटियाला हाउस कोर्ट ने विकास पांडे द्वारा दायर मानहानि मामले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा उनके ख़िलाफ़ जारी किए गए समन आदेश के ख़िलाफ़ दायर पुनरीक्षण याचिका को ख़ारिज कर दिया। इस घटनाक्रम के बाद, केजरीवाल को अब AAP समर्थक ब्लॉगर ध्रुव राठी द्वारा अपलोड किए गए एक निंदनीय वीडियो को शेयर करने के मामले में कोर्ट में पेश होना पड़ेगा।

दिल्ली के सीएम ने पटियाला हाउस कोर्ट की सत्र अदालत में मजिस्ट्रेट द्वारा जारी समन के ख़िलाफ़ अपील की थी। फ़ैसले में, विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहर ने कहा, “लगाए गए आदेश (मजिस्ट्रेट के आदेश) ने समन के चरण में शामिल मुद्दों के सभी प्रासंगिक पहलुओं से निपटा है। इस स्तर पर, अदालत को केवल यह देखना है कि आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त आधार हैं या नहीं और यदि इस पैमाने पर लगाए गए आदेश की तुलना की जाए, तो मुझे आदेश में कोई अवैधता, असंगतता या अनियमितता नहीं मिली।”

मानहानि का मामला AAP समर्थक ब्लॉगर ध्रुव राठी द्वारा अपलोड किए गए एक निंदनीय वीडियो से संबंधित है, जिसमें उन्होंने कहा था कि विकास पांडे बीजेपी आईटी सेल के सक्रिय सदस्य थे और उन्होंने महावीर प्रसाद को 50 लाख रुपए की रिश्वत देने की पेशकश की थी। यद्यपि वीडियो में राठी ने दावा किया उसने महावीर को रिश्वत दिए जाने संबंधी बातचीत को रिकॉर्ड करने की सलाह दी थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। उनके पास ‘50 लाख रिश्वत की पेशकश’ संबंधी कोई रिकॉर्डिंग नहीं है, जिसकी पेशकश कथित तौर पर विकास ने की थी। अपने आरोपों को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं होने के बावजूद राठी ने विकास पांडे के ख़िलाफ़ झूठे आरोप लगाना जारी रखा।

इसके अलावा, राठी ने यह भी तर्क दिया कि महावीर प्रसाद को रिश्वत देने के लिए विकास पांडे ने अभिषेक मिश्रा का इस्तेमाल किया गया था। लेकिन, राठी के पास इस बात को प्रूव करने के लिए कोई भी कोई सबूत नहीं था। आरोपों को सही सााबित करने के लिए राठी के पास कोई कॉल रिकॉर्डिंग नहीं थी जिससे यह स्पष्ट हो जाए पांडे ने महावीर प्रसाद को रिश्वत देने के लिए मिश्रा का इस्तेमाल किया हो। सच तो यह है कि राठी ने वीडियो में ख़ुद इस बात को स्वीकार किया कि उसके पास अपने दावों को सही साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।

केजरीवाल ने राठी के इसी वीडियो को शेयर किया था, जिससे विकास पांडे के बारे में झूठी बातें प्रचारित हुईं। इसके ख़िलाफ़ क़दम उठाते हुए विकास पांडे ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और यूट्यूब ब्लॉगर के ख़िलाफ़ मानहानि का केस दर्ज करवाया। बता दें कि विकास पांडे पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों के समर्थक हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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