केंद्रीय मंत्रियों को आवंटित किए गए पोर्टफोलियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी वादे के अनुरूप, लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए एक नए मंत्रालय ‘जल शक्ति’ का गठन किया गया। जोधपुर से सांसद, गजेंद्र सिंह शेखावत, जिन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे को हराया था, उन्हें जल शक्ति मंत्रालय की कमान सौंपी गई है।
As promised, Modi forms Jal Shakti ministry
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यह मंत्रालय पूर्व में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय को पुनर्गठित करके बनाया गया है। इसके अलावा पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय को भी इसमें जोड़ा गया है। पिछले महीने तमिलनाडु में एक चुनावी रैली के दौरान, पीएम मोदी ने आश्वासन दिया था कि अगर वो सत्ता में वापस आए, तो उनकी सरकार एक अलग जल शक्ति मंत्रालय की स्थापना करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था:
“23 मई के बाद, जब मोदी सरकार एक बार फिर पद ग्रहण करेगी, तो जल शक्ति के लिए एक अलग मंत्रालय होगा। यह मंत्रालय पानी से संबंधित कई आवश्यकताओं को पूरा करेगा। NDA सरकार ने जल संसाधनों पर बहुत ध्यान दिया है। जल शक्ति के लिए एक अलग मंत्रालय होगा जो किसानों को स्वच्छ पानी और उच्च श्रेणी की सिंचाई सुविधाओं को सुनिश्चित करेगा।”
देश में पानी के संकट को समाप्त करने के लिए भाजपा के संकल्प पत्र में भी जल मंत्रालय स्थापित करने का वादा किया गया था। गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंत्रालय में पदभार ग्रहण भी कर लिया।
Gajendra Singh Shekhawat takes charge as the Minister for Jal Shakti, at Shram Shakti Bhavan, in New Delhi. pic.twitter.com/HOxJ937jPg
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हर साल अप्रैल से जुलाई तक देश के कम से कम आठ राज्यों में पानी की विकट स्थिति उत्पन्न होती है। हाल ही में केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु को सूखे के संदर्भ में परामर्श जारी किया गया था। इसमें लोगों से अपील की गई थी कि वो कुछ हफ़्तों के लिए पानी को विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल करें क्योंकि बाँधों में पानी का भंडारण एक महत्वपूर्ण स्तर से नीचे गिर गया था।
कृषि और घरेलू उद्देश्य के लिए लगभग पूरा ग्रामीण भारत मानसून की बारिश पर ही निर्भर करता है, इसलिए आज के समय में जल प्रबंधन की सख़्त ज़रूरत है।