बहुविवाह पर रोक लगाने की दिशा में असम सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने 4 सदस्यीय एक्सपर्ट कमिटी का गठन कर दिया है। यह कमिटी पता लगाएगी कि बहुविवाह पर रोक के लिए विधानसभा के पास अधिकार है या नहीं।
इस एक्सपर्ट कमिटी की अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस रूमी फूकन होंगी। असम के एडवोकेट जनरल देबजीत सैकिया, असम के अतिरिक्त महाधिवक्ता नलिन कोहली और वकील नेकिबुर जमान कमिटी के मेंबर होंगे। इसकी जानकारी देते हुए सरमा ने गुरुवार (11 मई 2023) को ट्वीट कर कहा, “मैंने बहुविवाह को समाप्त करने के उद्देश्य से कानून बनाने के लिए विधानसभा के पास अधिकार हैं या नहीं, इसका पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाने का ऐलान किया था। अब राज्य सरकार ने इस समिति का गठन कर दिया है। इस समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए 60 दिनों की समय सीमा दी गई है।”
Following my announcement to form an expert committee to examine the legislative competence of state legislature to enact a law to end polygamy, the state government has constituted the committee today. The committee comprises the following members:
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 11, 2023
1. Justice (Retired) Smt.…
यह समिति इस बात की जाँच करेगी कि विधानसभा को राज्य में बहुविवाह पर रोक लगाने का अधिकार है या नहीं। इसके अंतर्गत समिति को भारतीय संविधान के नीति निर्देशक तत्व अनुच्छेद 25 तथा मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) एक्ट 1937 के प्रावधानों की भी जाँच करनी होगी। 9 मई को सरमा ने बहुविवाह पर रोक लगाने के लिए विशेषज्ञों की समिति बनाने का ऐलान किया था। सीएम ने कहा था कि यह समिति कानूनी विशेषज्ञों सहित समाज के प्रबुद्ध वर्ग से भी बातचीत करेगी।
गौरतलब है कि देश में मुस्लिमों को बहुविवाह यानी एक से अधिक निकाह करने की छूट है। मुस्लिमों को छोड़कर कोई अन्य व्यक्ति यदि एक से अधिक विवाह करता है तो इसे IPC की धारा 494 और 495 के तहत दण्डनीय अपराध माना जाता है। वहीं, मुस्लिम IPC की धारा 494 के तहत पहली बीवी की सहमति से 4 निकाह कर सकता है। दरअसल, मुस्लिमों को यह छूट मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) 1937 के तहत दी गई है। हालाँकि मुस्लिम महिलाओं को 4 निकाह करने का अधिकार नहीं है। यदि किसी मुस्लिम महिला को दूसरी निकाह करनी होती तो उसे पहले शौहर को तलाक देना होता है।