रविवार (6 जनवरी 2019) को बिहार के भगवतपुर ज़िले से बजरंग दल के नेता रोहन कुमार को अगवा किया था, जिनका शव आज सुबह समस्तीपुर शहर से बरामद हुआ। अपहरण के बवाल से अभी पुलिस सम्हल भी नहीं पाई थी कि सोमवार को रोहन का शव मिला। पुलिस ने उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
रविवार की देर शाम 8 संदिग्ध लोगों द्वारा बजरंग दल के नेता रोहन का अपहरण किया गया था। ये अनजान लोग बाइक पर सवार होकर आए थे और रोहन को उस समय उठाया, जब वो शौच के लिए खेत की ओर जा रहा था।
Samastipur: Bajrang Dal leader, Rohan Kumar who was abducted yesterday from his village in Bhagwatpur, was found dead today morning. His body has been sent for post mortem. #Bihar
— ANI (@ANI) January 7, 2019
इस घटना के बाद रोहन के घरवालों ने और बजरंग दल के कई कार्यकर्ताओं ने मुसरीघरारी चौराहा को जाम कर आने जाने के रास्ते को जाम कर दिया था। इस हड़कंप की सूचना मिलने पर सरायरंजन थाना के अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी पुलिस बल के साथ पहुँचे और अपहरण करने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी जल्द से जल्द करने का भरोसा दिलाकर लगे जाम को तुरंत हटवाया।
ये पहली बार नहीं है कि बजरंग दल, RSS पर या फिर BJP कार्यकर्ताओं पर हमला हुआ हो। इससे पहले भी केरल राज्य में कई बार ऐसी घटनाएँ सामने आई हैं। 2017 में CPM के कार्यकर्ताओं को RSS के एक कार्यकर्ता बीजू को मारने के आरोप में ग़िरफ़्तार किया गया था।
2016 में लेफ़्ट की सरकार आने के बाद केरल में RSS पर हमला ज़्यादा होने लगा है, और आज 2019 के आते-आते भी स्थिति सुधरने की जगह और भी ज़्यादा बिगड़ने लगी है। 2016 से तमाम ऐसे केस हैं जिनमें BJP के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया। 2016 की खबरों की यदि बात करें तो अमित शाह ने ही विष्णु नाम के BJP कार्यकर्ता की मौत की सूचना दी थी। जिसके बाद एक खबर की हलचल अभी शांत ही नहीं हुई थी कि रामिथ नाम के दूसरे BJP कार्यकर्ता की मौत की खबर केरल में सामने आ गई।
इसके अलावा लखनऊ में रहने वाले पत्रकार राजीव चतुर्वेदी की संदिग्ध मौत की घटना भी 2015 में सामने आई थी। उनकी मौत पुलिस थाने में हुई थी, जिसके बाद उनकी मौत का कारण हॉर्ट अटैक बताया गया था। ग़ौरतलब है कि उनसे जुड़े सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी मौत के पीछे एक कारण उनका भाजपा के प्रति झुकाव भी बताया था।