बंगाल में लोकसभा निर्वाचन खत्म हो जाने के बाद भी न रुक रही हिंसा को देखते हुए राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने सभी मुख्य राजनीतिक दलों की सर्वदलीय बैठक कल (बृहस्पतिवार) बुलाई है। बैठक का आमंत्रण पत्र चारों बड़े राजनीतिक दलों कॉन्ग्रेस, माकपा, भाजपा, और तृणमूल कॉन्ग्रेस को भेजा गया है। बैठक शाम 4 बजे होने की उम्मीद है।
भाजपा-तृणमूल की हाँ, माकपा-कॉन्ग्रेस नखरे के मूड में
हैरत की बात यह है कि भाजपा के अलावा जहाँ तृणमूल कॉन्ग्रेस भी (जिसके इस बैठक में शामिल होने को लेकर सर्वाधिक संशय किया जा सकता था) बैठक के लिए मान गए हैं, वहीं कॉन्ग्रेस और माकपा ने अभी बैठक में शामिल होने को लेकर अंतिम उत्तर नहीं दिया है (टाइम्स ऑफ़ इंडिया की खबर)। वहीं इंडिया टुडे ने इसके उलट यह दावा किया है कि तृणमूल से पार्थो चटर्जी, भाजपा से दिलीप घोष के अलावा माकपा से एसके मिश्रा और कॉन्ग्रेस से एसएन मित्रा भी बैठक में शामिल होंगे।
तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि राज्यपाल का पद संवैधानिक संस्था है, और तृणमूल उसका सम्मान करेगी। बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी बैठक का स्वागत करते हुए कहा कि बेहतर होता अगर ममता सरकार इसके लिए उपक्रम करती। इस मीटिंग के पहले राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर उन्हें बंगाल के हालात की सूचना दी।
राष्ट्रपति शासन की संभावना ख़ारिज?
बंगाल में राष्ट्रपति शासन की संभावना पर त्रिपाठी का कहना था कि बैठक में यह मसला नहीं उठा। बंगाल में आसन्न राष्ट्रपति शासन की सम्भावनाएँ तब तेज हो गईं थीं जब गृह मंत्रालय ने बंगाल में चल रही इस हिंसा को राज्य सरकार की नाकामी करार दिया था। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा काडर पर बंगाल में हिंसा भड़काने की कोशिश का आरोप लगाया था।