अयोध्या राम मंदिर के कोषाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य गोविंद देवगिरी महाराज का बयान इन दिनों सुर्खियों में है। उन्होंने पुणे में शुक्रवार (12 नवंबर 2021) को कहा, “भारत माता 70 साल से खुश नहीं थी, लेकिन 2014 के बाद उसने थोड़ा-थोड़ा मुस्कुराना शुरू किया है।”
गोविंद देवगिरी महाराज ने समग्र वंदे मातरम ग्रंथ प्रकाशन समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस इतिहास में मुगल को महान बताया जाए, छत्रपति शिवाजी महाराज के लिए महज 5 पंक्तियां लिखी जाएँ और महाराणा प्रताप को दूर फेंक दिया जाए, तो क्या वो इतिहास हमारा इतिहास है? गोविंद देवगिरी ने साम्यवाद पर निशाना साधते हुए कहा कि यही इतिहास हमको आज तक पढ़ाया गया, क्योंकि दिल्ली के तख्त के नीचे जो सारे साम्यवादी बैठे थे। उन्होंने शिक्षा का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में लेकर रखा था।
इसके अलावा उन्होंने परंपराओं और इतिहास झुठलाने वालों को भी करारा जवाब देते हुए कहा, ”हमारी परंपराओं को झुठलाकर, हमारे इतिहास-भूगोल को झुठलाकर, हमारे तीर्थों को झुठलाकर, भगवान राम को काल्पनिक कहकर, राम सेतु किसी के द्वारा बनाया ही नहीं गया ये कहकर और इसका एफिडेविट देकर हमारी सरकारों ने जो पाप किया वो पाप आपके माथे पर भी लगा हुआ है।”
बता दें कि हाल ही में पद्मश्री से सम्मानित की गई कंगना रनौत पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि 1947 में जो आज़ादी मिली वो भीख थी, देश को असली स्वतंत्रता तो 2014 में मिली। इसको लेकर वामपंथी-कॉन्ग्रेसी गिरोह एक साथ कंगना पर टूट पड़ा और उनसे पद्मश्री छीन कर उन्हें गिरफ्तार करने की माँगे।