Sunday, November 17, 2024
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‘भीम आर्मी को मिलती है RSS फंडिंग’ कहने वाली मायावती नहीं उठा रही ‘रावण’ का फोन

प्रियंका गाँधी ने भी चंद्रशेखर 'रावण' से अस्पताल में मुलाकात की थी, इसके बाद भी मायावती की नाराजगी सामने आयी थी। माना जा रहा है कि कॉन्ग्रेस, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलित वोटबैंक में सेंध लगाने के लिए चंद्रशेखर को अपने पाले में करना चाहती है।

उत्तर प्रदेश में खुद को दलित वोटबैंक की ‘फर्स्ट लेडी’ मानने वाली नेता BSP प्रमुख मायावती के सामने एक नया चेहरा चिंता बनता जा रहा है। वर्ष 2017 में यूपी के सहारनपुर में दलितों भड़का कर उत्पात मचाने से हुई हिंसा में एक दलित नेता का नाम बड़ी तेजी से उभरा है। वह नाम है ‘भीम आर्मी’ चीफ चंद्रशेखर आजाद (रावण)।

सहारनपुर में हुई इस हिंसा में 2 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हुए थे। करीब 3 हफ्ते बाद यह हिंसा पूरी तरह से रुक सकी थी। इस हिंसा के दौरान दलित समुदाय का नेतृत्व इसी चंद्रशेखर आजाद ने किया था। बाद में उत्तर प्रदेश सरकार ने चंद्रशेखर आजाद को गिरफ्तार कर राष्ट्रदोह के मुकदमे के तहत जेल में डाल दिया था। हालाँकि, बाद में चंद्रशेखर पर लगा राष्ट्रदोह का मुकदमा हटा दिया गया था और 16 माह बाद चंद्रशेखर की जेल से रिहाई हुई। अब चंद्रशेखर आजाद और उनकी भीम आर्मी पब्लिक रैलियाँ कर भाजपा और मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन मायावती फिर भी चिंतित नजर आ रही हैं।

BSP नेता मायावती, चंद्रशेखर ‘रावण’ की बढ़ती हुई लोकप्रियता से थोड़ी संशकित नजर आती हैं। मायावती लगातार चंद्रशेखर आजाद को BJP का एजेंट बता रही हैं और उनका आरोप है कि भीम आर्मी की फंडिंग RSS द्वारा की जाती है। मायावती का कहना है कि अगर वह (चंद्रशेखर आजाद) दलित एकता और उनके अधिकारों के लिए इतना ही गंभीर है, तो उसे अलग से भीम आर्मी बनाने के बजाए BSP में शामिल हो जाना चाहिए था।

वहीं, दूसरी तरफ भीम आर्मी चीफ ‘रावण’ के अनुसार, “मोदी-योगी के कार्यकाल में उन्हें 16 महीने के लिए जेल में डाला गया, मेरे खिलाफ 43 झूठे केस लगाए गए। ऐसे में मैं कैसे उस पार्टी के लिए काम कर सकता हूंँ, जिसने मुझे तबाह करने की कोशिश की।”

चंद्रशेखर ने कहा, “मैं मायावती की बहुत इज्जत करता हूंँ और ऐसा कुछ भी नहीं करूँगा, जिससे उनका या बहुजन समाज का नाम खराब हो, लेकिन उन्हें मुझमें विश्वास दिखाना होगा।” चंद्रशेखर का कहना है कि वो मायावती को समर्थन के लिए 5 बार फोन चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया है।

हाल ही में जमीन घोटाला मामले में रोजाना ED ऑफिस के चक्कर काट रहे रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी प्रियंका गाँधी ने भी चंद्रशेखर से अस्पताल में मुलाकात की थी, इसके बाद भी मायावती की नाराजगी सामने आयी थी। माना जा रहा है कि कॉन्ग्रेस, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलित वोटबैंक में सेंध लगाने के लिए चंद्रशेखर को अपने पाले में करना चाहती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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