केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने चौसा की घटना और बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद द्वारा रामचरितमानस के अपमान से दुःखी होकर बक्सर में मौन धरना दिया। बक्सर के अंबेडकर चौक पर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा की नीचे बैठकर बक्सर सांसद अश्विनी चौबे ने अपना विरोध जताया। शुक्रवार (13 जनवरी, 2023) को धरने पर बैठे अश्विनी चौबे ने आज 14 जनवरी, 2023 को दोपहर 12 बजे अपना धरना समाप्त किया।
बक्सर में बाबा साहब आंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष राम चरित मानस का मौन पाठ करते केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे। चौसा में किसानों के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में पूरी रात यही बैठकर रखा मौन व्रत। बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान का विरोध pic.twitter.com/vmBxgWxhw8
— Shubh Narayan Pathak (@PathakSNarayan) January 14, 2023
रात भर अंबेडकर प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठे अश्विनी चौबे ज्यादातर समय रामचरितमानस का पाठ करते नजर आए। उन्होंने ट्वीट कर धरना समाप्त करने संबंधी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “मेरे बक्सर के किसानों पर बिहार सरकार द्वारा हुए सुनियोजित हिंसा व अत्याचार के विरोध में मेरा मौन धरना आज 12 बजे समाप्त होगा। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम बिहार सरकार को सद्बुद्धि प्रदान करें।”
मेरे बक्सर के किसानों पर बिहार सरकार द्वारा हुए सुनियोजित हिंसा व अत्याचार के विरोध में मेरा मौन धरना आज 12 बजे समाप्त होगा। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम बिहार सरकार को सद्बुद्धि प्रदान करे।@ANI @aajtak @PTI_News @pankajjha_ @Republic_Bharat @ABPNews @ZeeNews pic.twitter.com/RqjTx4OO9Y
— Ashwini Kr. Choubey (@AshwiniKChoubey) January 14, 2023
इससे पहले चौसा में पीड़ितों का हाल जानने बक्सर पहुँचे बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी भी अश्विनी चौबे से मिले। दूसरी ओर चौसा की घटना को लेकर बक्सर भाजपा यूनिट ने भी धरना दिया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से राज्यपाल को पाँच सूत्रीय माँगों वाला ज्ञापन सौंपा।
किसान आंदोलन के समर्थन में मौन धरना पर बैठे श्री अश्विनी चौबे से विमर्श करते हुए । pic.twitter.com/3vShU84anv
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) January 13, 2023
बक्सर के चौसा में क्या हुआ था ?
दरअसल, बक्सर के चौसा में पावर प्लांट के लिए ली गई भूमि के मुआवजे को लेकर किसान काफी समय से धरना दे रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने आधी रात को धरना दे रहे किसानों के घरों में घुसकर उनके साथ मारपीट की। दावा है कि पुलिस रात 12:00 बजे के करीब किसानों के घरों में दाखिल हुई थी और सोते हुए किसानों पर लाठीचार्ज किया। बेरहमी से लाठियाँ बरसाते बिहार पुलिस के जवानों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुए।
11 जनवरी, 2023 को पुलिस की इसी बर्बरता के बाद शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान उग्र हो उठे थे। पुलिस की प्रताड़ना से नाराज किसान सड़क पर उतर आए। किसानों ने बसों व पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान कई किसानों को हिरासत में लिए जाने की जानकारी मिली थी।
रामचरितमानस को लेकर क्यों हो रहा है विवाद?
11 जनवरी, 2023 को ही बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ करार दिया था। वे ‘नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी’ के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान RJD नेता ने रामचरितमानस को समाज को बाँटने वाला ग्रंथ बता दिया। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस दलितों-पिछड़ों को शिक्षा ग्रहण करने से रोकता है। संबोधन के बाद मीडिया के सामने भी बिहार के शिक्षा मंत्री अपने बयान पर कायम नजर आए। उनके इसी बयान को लेकर बिहार की सियासत गरमा गई है।