राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय सचिव यदुवंश यादव (Yaduvansh Yadav) ने शनिवार (29 अप्रैल 2023) की एक सभा में बोलते हुए कहा कि एक भी ब्राह्मण भारत का नहीं है। ये सारे विदेशी हैं। उन्होंने कहा कि उनका डीएनए टेस्ट हुआ है और उसमें यह बात साबित हुई है।
बिहार के पिपरा से विधायक रहे राजद नेता यादव ने कहा, “इस देश के मूल निवासी हम हैं। ब्राह्मण तो बाहर से आए हैं। ब्राह्मणों के डीएन का टेस्ट हुआ है। उनका डीएनए यूरेशिया मूल का है। रशियन मूल का है। रुस से भागकर ये सब भारत आए हैं।”
एक भी ब्राह्मण भारत देश का नहीं, सभी रूस और अन्य देश से आए: यदुवंश यादव (राष्ट्रीय सचिव राजद) pic.twitter.com/8wTdFRcxdH
— Shubham shukla (@ShubhamShuklaMP) April 30, 2023
यदुवंश यादव ने कहा, “ब्राह्मणों के द्वारा ही हम सबको बाँटने और आपस में झगड़ा लगाने का काम किया जाता है। ये सब हम सबके बीच फूट डालने का काम करते हैं। इसलिए जैसे वहाँ (रुस) से भगाया गया, वैसे ही हमें इन लोगों को हमें यहाँ से भगाना पड़ेगा।”
जिस कार्यक्रम में यदुवंश यादव बोल रहे थे वह पार्टी स्तरीय कार्यक्रम का था। निर्मली नगर पंचायत के राजद ने इसका आयोजन किया था। इसी कार्यक्रम में पूर्व विधायक यदुवंश यादव ने यह विवादित बयान दिया।
बता दें कि यदुवंश यादव राजद के अकेले ऐसे नेता नहीं हैं, जो विवादित बयान दिए हों। इसके पहले बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री राजद के नेता चंद्रशेखर यादव ने रामचरितमानस को लेकर विवाद बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है।
इस साल जनवरी में ‘नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी’ के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए RJD नेता ने कहा था कि रामचरितमानस को समाज को बाँटने वाला ग्रंथ है। यह रामचरितमानस दलितों-पिछड़ों को शिक्षा ग्रहण करने से रोकता है। पने संबोधन के दौरान उन्होंने रामचरितमानस के एक दोहे “अधम जाति में विद्या पाए, भयहु यथा अहि दूध पिलाए” का जिक्र करते हुए कहा कि यह समाज में नफरत फैलानेवाला ग्रंथ है।
जब इस पर विवाद बढ़ा तो उन्होंने फिर कहा था कि इसमें कूड़ा-कचरा भरा हुआ है। उन्होंने माफी माँगने से भी इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था, “ऐसा मैंने नहीं, बल्कि डॉ. लोहिया ने कहा है। मैं तो केवल उनकी बातों को दोहरा रहा हूँ। मैं आज भी कह रहा हूँ कि रामचरितमानस में शूद्रों का अपमान किया गया है। लोहिया और आंबेडकर की नजर से मैं इसे पढ़ता हूँ। आज का शूद्र पढ़ा-लिखा है। उसे बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है।”