पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर जिले स्थित रायगंज इलाके में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अनूप रॉय की मृत्यु हो गई। यह घटना गुरूवार 3 सितंबर 2020 की है। पार्टी के लोगों का आरोप है कि इस मौत के लिए पुलिस ज़िम्मेदार है। उनका कहना है कि पुलिस ने कार्यकर्ता की पिटाई की और उसके बाद गोली मार दी। इस मौत के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष भी मौजूद थे।
West Bengal: Bharatiya Janata Party workers staged a protest in Raiganj of North Dinajpur district over the death of a party worker in police custody. (3.09.2020) pic.twitter.com/rABPImr4Fb
— ANI (@ANI) September 3, 2020
दिलीप घोष ने आरोप लगाया है कि अनूप रॉय को पहले पीटा गया। अंत में पुलिस ने उन्हें गोली मार दी जिससे उनकी मृत्यु हो गई। घोष का कहना है कि यह मृत्यु नहीं है बल्कि हत्या है। इस मामले की स्वतंत्र जाँच होनी चाहिए और आरोपितों को दंड मिलना चाहिए। वहीं पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक़ अनूप रॉय के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं मौजूद हैं। घटना के विरोध में दिलीप घोष समेत भारतीय जनता पार्टी के कई कार्यकर्ता रायगंज में धरने पर भी बैठे। इस विरोध प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं के अलावा अनूप रॉय के परिवार वाले भी मौजूद थे।
इसके अलावा भाजपा ने इस घटना पर कई तरह के सवाल भी खड़े किए हैं। उनका कहना है कि हत्या के महज़ 3 घंटे बाद ही क्यों पोस्टमार्टम कर दिया गया। इसके अलावा भाजपा का यह भी कहना था पुलिस ने अनूप को बुरी तरह प्रताड़ित भी किया था, उस पर ऐसा अत्याचार किया गया जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। पश्चिम बंगाल की न्याय और क़ानून व्यवस्था दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। इसके अलावा मृतक की माँ ने भी पुलिस को पत्र लिख कर कई अहम बातें कही हैं, उनके मुताबिक़ पोस्टमार्टम सही से नहीं किया गया है। वह इस गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करेंगी।
दरअसल, दिनाजपुर जिले के रायगंज क्षेत्र में डकैती की एक घटना हुई थी। इस घटना के संबंध में स्थानीय पुलिस ने 24 वर्षीय अनूप रॉय को पूछताछ के लिए बुलाया था। मामले पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का यह कहना है ‘डकैती की जानकारी मिलने पर हमने कुल 4 लोगों को गिरफ्तार किया था। उन लोगों ने अनूप रॉय का नाम लिया जिसके बाद हमने पूछताछ के लिए उसे भी तलब किया। वह थाने में पहुँचते ही बेहोश हो गया, उसकी यह हालत देखने के बाद हम उसे एक सरकारी अस्पताल लेकर गए। जहाँ उसे कुछ समय बाद मृत घोषित कर दिया गया। शरीर को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया जहाँ इस बात का खुलासा हुआ कि अनूप की मृत्यु मस्तिष्क की नस फटने की वजह से हुई है।’
मृतक अनूप रॉय भारतीय जनता पार्टी की स्थानीय ईकाई का कार्यकर्ता था। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के अलावा अनूप के परिवार वालों ने भी मामले की स्वतंत्र जाँच की माँग उठाई है। वहीं तृणमूल कॉन्ग्रेस ने भी इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा है। पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ता के अग्रवाल ने कहा कि इस घटना का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ होने वाली हिंसा की यह पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी ऐसी तमाम घटनाएँ सामने आ चुकी हैं। हाल ही में कथित तौर पर तिरंगा फहराने को लेकर हुए विवाद में बीजेपी के एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी। घटना हुगली के आरामबाग स्थित खनकुल में हुई थी। सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के गुंडों पर हमला करने का आरोप था।
मृतक भाजपा कार्यकर्ता का नाम सुदर्शन प्रमाणिक था। उन पर झंडोत्तोलन के दौरान गुंडों ने धारदार हथियारों से हमला किया था। उन्हें स्थानीय हेल्थ सेंटर ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस हत्याकांड के बाद क्षेत्र में काफी तनाव के हालात भी बने थे। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने विरोध-प्रदर्शन भी किया था।
तृणमूल कॉन्ग्रेस पर भारत के राष्ट्रीय ध्वज का विरोध करने के आरोप लगाए गए थे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार शनिवार (अगस्त 15, 2020) को दौलतचक में भाजपा और तृणमूल के कार्यकर्ता झण्डा फहरा रहे थे। अचानक सुबह 9 बजे दोनों के बीच संघर्ष शुरू हो गया। बाद में संघर्ष हिंसक हो गया। स्थानीय लोगों का तो यहाँ तक कहना है कि बमबारी भी शुरू हो गई थी। इसी दौरान सुदर्शन प्रमाणिक पर हमला किया गया और वे जमीन पर गिर पड़े।